Breaking News

मातृभाषा खत्म तो संस्कृति व साहित्य को भी खतरा : मुस्कान सावलानी

अयोध्या। मातृभाषा खत्म तो संस्कृति व साहित्य भी खत्म हो जायेगा। यह बातें सिंधु महिला परिवार की अध्यक्ष मुस्कान सावलानी ने अपने आवास रामनगर कॉलोनी पर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आयोजित मातृभाषा पर चर्चा कार्यक्रम में कहीं। श्रीमती सावलानी ने कहा कि आज सिंधी समाज के परिवारों में सिंधी भाषा खत्म होती जा रही है जो चिंता का विषय बना हुआ है मातृभाषा देश के लोगों को शिक्षा आदि जैसे मूलभूत अधिकार प्रदान करती है उन्होंने कहा कि मातृभाषा को जिंदा रखने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर घर घर जाकर परिवारों में जागृति पैदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ स्थिति शिव शांति शांति संत आसूदाराम आश्रम के पीठाधीश्वर संत शिरोमणि साईं चाडू राम साहिब सत्संग के माध्यम से कहते हैं कि बच्चों के जन्म से लेकर लगातार तीन माह तक यदि बच्चे से मातृभाषा में बात की जाए तो वह बच्चा कभी भी अपनी मातृभाषा नहीं भुला सकता है इस मौके पर मौजूद उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने कहा कि मां की भाषा ही मातृभाषा है घरों में परिवार के सभी छोटे बड़ों को मातृभाषा में ही बोलना चाहिए ताकि मातृभाषा जीवित रहे उन्होंने कहा कि संस्कृति व साहित्य की विरासत को बचाने का काम मातृभाषा ही करती है। इस मौके पर भारती खत्री, सीमा रमानी, बबीता माखेजा, पूनम आडवाणी, भावना वरियानी, एकता जीवानी, पूजा माखेजा, नीलम रहेजा, शोभा वासवानी, मुक्ता मंध्यान, कामना अमलानी, मीना खत्री, बबीता चावला, शालिनी सावलानी, अनीता आडवाणी, पायल खत्री, हरीश सावलानी, गोपी आडवाणी, राजेश चावला, कमलेश रूपानी, महेश खटवानी, मुकेश रामानी आदि ने अपने अपने विचार रखे।

इसे भी पढ़े  प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ : तीन दिन फिर राममय रहेगी अयोध्या

Leave your vote

About Next Khabar Team

Check Also

शूटिंग एकाग्रता और सहनशीलता का खेल : अनिरूद्ध सिंह

-शूटिंग प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को एडीएम प्रशासन ने किया सम्मानित अयोध्या। एक दिवसीय शूटिंग …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.