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महापौर ने देखी नगर निगम के सफाई व्यवस्था की सच्चाई

-सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री का मिला प्रयोग

अयोध्या। नगर निगम अयोध्या क्षेत्र के वार्डों की ध्वस्त सफाई व्यवस्था खुद महापौर और नगर आयुक्त औचक निरीक्षण में देख रहे हैं।
शुक्रवार को महापौर ऋषिकेश उपाध्याय अफसरों संग रायगंज वार्ड और विद्या कुंड वार्ड का जायजा लिया। जहां उन्हें निर्माण कार्यों और स्वच्छता की हकीकत का अंदाज़ा लगा। नाली चोक तो सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री दिखी। स्वच्छता व्यवस्था में लापरवाही और जिम्मेदारों की कर्तव्यहीनता पूरी तरह उजागर हुई। इस आकस्मिक निरीक्षण में महापौर के साथ सहायक नगर आयुक्त हरिश्चंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता निर्माण एमएन झा, जेई चंद्रपाल मौर्य, सफाई निरीक्षक राकेश वर्मा तथा जनसंपर्क अधिकारी नगर निगम रामकिशोर यादव भी थे।

महापौर इस दौरान जनता से भी रूबरू होते हुए जानकारी प्राप्त की। पूछा कि सफाई कर्मचारी नियमित रूप से सफाई कार्य करते हैं या नहीं, नालियां साफ होती है या नहीं आदि प्रश्नों पर स्थानीय लोगों ने बताया कि नियमित रूप से सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं और न ही नालियां साफ होती हैं। इस पर तत्काल सहायक नगर आयुक्त और सफाई निरीक्षक को हिदायत दी। कहा कि दोबारा इसकी पुनरावृत्ति न हो वरना कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सड़क निर्माण में घटिया गिट्टी की के ढेर को देखते ही दंग महापौर ने गिट्टी के नाम पर मिट्टी मिलाकर सड़क बनाए जाने की जानकारी हुई। जेई निर्माण चंद पाल मौर्या को निर्देशित किया गया कि जहां जहां पर भी सड़कों का निर्माण हो रहा है। घटिया सामग्री से सड़के बनी तो प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई की जाएगी।सरकारी धन की लूट, जन आकांक्षाओं में लापरवाही किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

महापौर ने दतिया, स्टेशन रोड, प्रोफेसर कॉलोनी, कजियाना, मुराइन टोला, खटकाना, वर्मा कॉलोनी, टेढ़ी बाजार आदि मोहल्लों में लोगों से जानकारी ली। पानी भर जाने, टूटी सड़कें, पुलिया, नालियां के निर्माण के लिए अधिशासी अभियंता निर्माण ने अवर अभियंता निर्माण को निर्देशित किया। दो स्थानों पर हैंड पाइप खराब मिले। जलकल के अधिकारियों को तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए। मेयर ने निर्देशित किया कि नामांतरण की पत्रावली 40 दिन से ज्यादा जिस भी स्तर पर लंबित होंगी उनसे स्पष्टीकरण ही नहीं मांगा जाएगा उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। टैक्स सेक्शन में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी भी जन सामान्य को परेशान करने के उद्देश्य और धन उगाही करने के लिए निर्धारित कर से कहीं ज्यादा का बिल तैयार करते हैं। इसके बाद लेन देन तय करके विलो में सुधार करते हैं। यह भी संज्ञान में है कि जिन लोगों के कर नियमानुसार अधिक आना चाहिए उनका कम करते हैं और जिनका कम आना चाहिए उनका ज्यादा करते हैं। संबंधित लोग परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

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