सोहावल। बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को लेकर चल रही प्रशासन और शासन की तैयारियों में लगाये जा रहे कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करते हुये स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार चिकित्सकों ने यह बात साबित कर दी है कि बूस्टर डोज लगाये जाने के बावजूद मास्क लगाया जाना अनिवार्य होगा। बूस्टर डोज से किसी को अमरत्व प्रदान नहीं होता है।
अलबत्ता व्यक्ति की जीवन रक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में यमुनिटी बढ़ जाती है। व्यक्ति संक्रमण होने के प्रभाव से बच जाता है। यह बात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी सोहावल डा. प्रदीप ने कही है।शुक्रवार को कोरोना संक्रमण को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से मुखातिब थे। इस अवसर पर जवाब देते हुये मीडिया से रूबरू डाक्टर प्रदीप ने बताया कि सोहावल सीएचसी में लोगों को पहली डोज 92 फीसदी दी जा चुकी है। दूसरी डोर लगभग 65 फीसदी थी।
उसी से ज्यादा लोगों को लगाई जा चुकी है। बूस्टर डोज के हकदार 60 प्लस से ऊपर वाले लोग और फ्रंटलाइन वर्कर को प्रतिदिन 150 से 200 के बीच टीकाकरण किया जा रहा है। इसी का प्रभाव है कि इस क्षेत्र में कोरोना की तीसरी लहर प्रचंड होने के बावजूद जिले के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा सोहावल में संक्रमण होने वालों की संख्या बहुत कम रही है। यही नहीं कोरोना जांच के मामले में भी सोहावल सीएचसी अग्रणी है।यहाँ प्रतिदिन 150 से 175 लोगों की जांच आरटी पीसीआर की जांच के लिए भेजी जा रही है।