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महंत रामआसरे दास ने आमरण-अनशन की दी चेतावनी

48 घंटे के अंदर उचित न्याय नही मिला तो अन्न-जल का करेंगे परित्याग

अयोध्या। ठाकुर रामजानकी बिंद पंचायत मंदिर, स्वर्गद्वार के सरबराहकार महंत रामआसरे दास चेला रामदास ने आमरण-अनशन की चेतावनी दिया है। उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेट दिया है कि यदि उन्हें 48 घंटे के अंदर उचित न्याय नही मिला। तो वह अन्न-जल का परित्याग कर आमरण-अनशन पर बैठे जायेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।

महंत रामआसरे दास ने मंगलवार को संकटमोचन हनुमान किला मंदिर, बाईपास पर प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि रामनगरी के स्वर्गद्वार मोहल्ले में ठाकुर रामजानकी बिंद पंचायत मंदिर नाम से उनका एक आश्रम है। जो उनका गुरूद्वारा भी है, जिसके वह सरबराहकार महंत हैं। इस मंदिर का मुकदमा लगभग 55 वर्षों से वह कोर्ट में लड़ रहे थे। इस मामले में नीचे की अदालत से लेकर हाइकोर्ट तक ने उनके पक्ष में फैसला दे दिया है।

लेकिन स्थानीय प्रशासन उन्हें उक्त मंदिर पर काबिज नही करा रहा है। उनका एक आश्रम मथुरा में भी है। जहां वह अपना समय भजन-कीर्तन में व्यतीत करते हैं। साथ ही साथ बराबर अयोध्या स्थित ठाकुर रामजानकी बिंद पंचायत मंदिर पर भी आना जाना लगा रहता है। वह पिछले 20 दिनों से अयोध्यानगरी में हैं। यहां के लगभग सभी आलाधिकारियों से वह मिल भी चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को हाइकोर्ट के फैसले के बारे में भी अवगत कराया है। लेकिन कोई अधिकारी उनकी मदद नही कर रहा है, जिससे विपक्षी अराजकतत्वों के हौसले बुलंद हैं।

विपक्षीगणों द्वारा उन्हें बराबर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। महंत ने कहा कि विगत सावन माह में वह अयोध्या आए थे और अपने स्वर्गद्वार स्थित आश्रम पर रूके रहे। कुछ दिन वहां रहने के बाद कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए मथुरा चले गए। गोवर्धन पूजा के उपरांत जब पुनः कार्तिक मेले के अवसर पर यहां आए। तो विपक्षी व भूमाफिया किस्म के लोगों ने एक राय होकर उन्हें मंदिर में घुसने नही दिया। साथ ही जान से मारने की धमकी और गाली दी, जिससे भयभीत होकर उन्होंने अयोध्या कोतवाली में तहरीर दिया था। परंतु उक्त तहरीर पर कोई कार्यवाही नही हुआ। इससे विपक्षी के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं।

महंत रामआसरे दास ने कहा कि वह बहुत ही दुखी हैं। प्रशासन भी उनकी कोई मदद नही कर रहा है। यह मंदिर बिंद समाज का मंदिर है। जिस पर विपक्षी राकेश कुमार पांडेय पुत्र रामविलास शरण निवासी स्वर्गद्वार का कोई अधिकार नही है। यहां सत्य और असत्य की लड़ाई है। प्रशासन दोनों पक्षों का कागज देख ले। जो सही हो उसे मंदिर पर काबिज करा दे। महंत रामआसरे दास ने कहा कि यदि दो दिनों के अंदर उन्हें न्याय नही मिला। तो वह अन्न, जल का त्याग कर आमरण-अनशन पर बैठ जायेंगे। वहीं संकटमोचन हनुमानकिला मंदिर के महंत परशुराम दास ने कहा कि स्वर्गद्वार स्थित रामजानकी मंदिर बिंद समाज का मंदिर है, जिसके साथ छेड़छाड़ का भी प्रयास किया गया है। स्थानीय प्रशासन से मांग है कि महंत को उचित न्याय दिलाया जाए।

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Written by Next Khabar Team

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