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लोहिया के आर्थिक विचार आज की आवश्यकता

“लोहिया आर्थिक अध्ययन एवं विकास” की स्थापना के संदर्भ में पर हुई कार्यशाला

लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया अवध विवि के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में “लोहिया आर्थिक अध्ययन एवं विकास” की स्थापना के संदर्भ में एक दिवसीय राष्ट्रीय विचार संगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन गोल्डन ब्लॉसम फैजाबाद रोड, लखनऊ में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात अर्थशास्त्री मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक गजानन मोडक रहे। राष्ट्रीय विचार गोष्ठी एवं कार्यशाला कार्यक्रम की अध्यक्षता अवध विवि के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित, ने की।
मुख्य अतिथि प्रो. अशोक गजानन मोडक ने बताया कि समाजवाद एवं पूंजीवाद अपने मूल्य में भिन्नता लिए हुए है, यदि हमें समाज में समावेशी विकास के साथ आर्थिक समाजवाद को लाना है, तो हमारी व्यवस्था को पूंजीवाद से दूर होना पड़ेगा प्रो0 मोडक ने लोहिया के आर्थिक विचारों को आज की आवश्यकता बताते हुए “लोहिया आर्थिक एवं विकास” अध्ययन केंद्र में विभिन्न स्तरों पर शोध संबंधित अध्यापन कार्यों की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि आज की यह विचार गोष्ठी डॉ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया एक सराहनीय कार्य है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया कि डॉ0 लोहिया एक व्यक्ति नहीं है, एक विचार हैं उन्होंने बताया कि समाज के विभिन्न लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए हमें लोहिया के विचारों को आत्मसात करना होगा तभी अमीरों और गरीबों के बीच में बढ़ती हुई खाई दूर हो सकेगी और हम एक आर्थिक एवं सामाजिक समरसता वाली अर्थव्यवस्था की कल्पना कर सकते हैं। कुलपति य ने विश्वविद्यालय परिसर में लोहिया अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए 1 करोंड़ रुपए के संसाधन की उपलब्धता कराने का आश्वासन दिया और यह बताया कि विश्वविद्यालय आवासीय परिसर में शीघ्र ही लोहिया अध्ययन केंद्र खोल दिया जाएगा। विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के एस0 एन0 कपूर में लोहिया के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और यह बताया कि लोहिया जी निश्चित रूप से ग्रामीण जनमानस के विकास के एक प्रेरक रहे हैं। विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रो0 मृदुला मिश्रा नें विश्वविद्यालय में लोहिया अध्ययन केंद्र की स्थापना पर खुशी जाहिर करते हुए लोहियावादी आर्थिक एवं विकासवादी दृष्टिकोण पर बल देने की बात की और यह बताया कि वंचितों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ना ही लोहिया जी का सही अभिवादन होगा।  कार्यशाला को पत्रकार के0 विक्रम राव, अभिषेक रंजन, अरुण कुमार त्रिपाठी, अरविंद मोहन जयशंकर गुप्त, चंद्र मोहन राय, असरार खान ने भी सम्बोधित किया।
कार्यशाला के संयोजक डॉ0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज के विषय विशेषज्ञों द्वारा लोहिया शोध केंद्र से संबंधित प्रस्तुत दृष्टिकोण के संबंध में एक परामर्श समिति का गठन किया जाएगा। कार्यशाला मे मुख्य रूप से डॉ0 प्रदीप कुमार त्रिपाठी, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, डॉ0 सविता देवी, पल्लवी सोनी, सरिता द्विवेदी, रीमा सिंह एवं सत्येंद्र, आनंद उपस्थित रहे, साथ ही कार्य परिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह भी उपस्थित रहे।

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