रूदौली । इस्लाम अमन और भाई चारे की तालीम देता है।इस्लाम के उसूलों और शिक्षाओं को अपनी जिन्दगी में उतारे बगैर कोई भी शख्श कामिल मुसलमान नही बन सकता है।यह विचार हजरत मौलाना सैयद सलमान मियां अशर्फी सज्जादा नशीन खान काहे जायस ने ब्लाक मवई के अंतर्गत ग्राम चंद्रामऊ मंगा में नवजवान कमेटी के तत्वाधान में आयोजित जश्ने ईदमिलादुन्नबी कांफ्रेंस व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि नबी अकरम की विलादत पाक किसी वर्ग विशेष के मकसद में न होकर पूरी आलमे इंसानियत के लिये अजीम नियामत है।मुहम्मद साहब ने जो अजीम इंकलाब बरपा किया है उसका मकसद विश्व समाज में फैली बुराइयों को खत्म कर एक मिसाली परिवेश को कायम कर सभी कौम फिरके व तबके के बीच प्यार व मुहब्बत की सीख देना है।मौलाना जमाल अहमद कादरी ने अपने खतीबाना अंदाज में अपने मुल्क से उल्फत रखकर समाज में एकता और मुहब्बत कायम करने और फिरका परस्त ताकतों के हौसलों को पस्त करने का पैगाम दिया।उन्होंने मानवता के मर्म को मजहब का मूलमंत्र बताया।मौलाना तलक रसूल ने एक वाक्या बयान किया कि एक मर्तबा एक यहूदी का जनाजा गुजर रहा था जिसे देख कर आप(नबी ए करीम)खड़े हो गये तो सहाबी ने पूछा कि खुदा के रसूल यह तो एक यहूदी कौम का जनाजा है।जिसे देखकर आप क्यों खड़े हो रहे हैं।तो आप ने फरमाया कि हमारे भी पूर्वज तो आदम अलैहिस सलाम की औलाद हैं।अगर इस सुन्नत को हम सभी अमली जिंदगी में उतार लें तो आपस में मुहब्बत व इत्तिहाद कायम हो सकता है।और हम एक बड़ी ताकत बन सकते हैं।कार्यक्रम की सदारत मौलाना जमाल ने की और निजामत कारी गुलाम मुस्तफा ने किया ।कार्यक्रम का समापन हजरत मौलाना सलमान मियां की दुआ पर हुआ।शायरे इस्लाम असलम वारसी तथा मशहूर शायर शकील आरिफी फरक्काबादी के तरन्नुम से सामईन का दिल मोह लिया।कारी रमजान ने भी जश्ने ईद मिलादुन्नबी कांफ्रेंस को खि़ताब किया।इस मौके पर युवा सपा नेता तथा नवजवान कमेटी के अध्यक्ष् अलाउददीन खाँ, मो0 खालिक ,सोनू मो0 इमरान ,नगर पालिका रुदौली के चेयरमैंन जब्बार अली ,मो0 रईस खाँ, आफ़ताब आलम खाँ ,ग्राम प्रधान निजाम खाँ, शकील खाँ, सलाउद्दीन खाँ, यासीन खाँ असलम खाँ मुंशरीफ खाँ, सबैद खाँ, सोनू ,आदि मौजूद थे।
भाईचारे की तालीम देता है इस्लामः : सलमान मियां
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