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चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित आय-व्यय की दी गयी जानकारी

बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि रहे मौजूद

अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गोरेलाल शुक्ला व मुख्य कोषाधिकारी विनय कुमार राय ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा के साथ राजनैतिक दलो व प्रत्याशियों द्वारा व्यय की जानी वाली दरो को प्रचलित दरो पर आम सहमति बनाने व व्ययो के रख-रखाव के बारे में विस्तार से बताय तथा उसकी एक प्रति सभी को हस्तगत की।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष अवधेश पाण्डेय उर्फ बादल, भाजपा के शिवानंद सिंह, राममोहन, सपा से बाबू राम गौड़, सपा से कृष्ण कुमार पटेल, बसपा से मण्डल संयोजक मुस्तफा, एनसीपी के जिला उपाध्यक्ष अनिल कुमार जायसवाल, कांग्रेस पार्टी महानगर अध्यक्ष सुनील पाठक, आरएलडी के अजय कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य कोषाधिकारी विनय कुमार राय ने विस्तार से बताया जिसका विवरण निम्नवत् हैः-

राजनैतिक दलो के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी की बैठक

निर्वाचन अनुवीक्षण से सम्बन्धित विधिक प्राविधानों /अनुदेशों तथा उनके पालन करने की असफलता के परिणमों को स्पष्ट करना तथा निर्वाचन प्रचार मे प्रयुक्त सामग्रियों की दरों के सन्दर्भ मे विचार विमर्श।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77(1) के अनुसार प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए उनके नामांकन की तारीख से निवार्चन के परिणाम की घोषण की तारीख (जिनमे दोनो तिथि सम्मलित है) के मघ्य उनके/निर्वाचन एजेण्ट द्वारा किये गये सभी व्ययों का पृथक एवं सही लेखा रखना अनिवार्य है।
धारा 77(3) के अधीन कुल व्यय निर्धारित राशि से अधिक नही होना चाहिए। जो धारा 90 के अन्तर्गत वर्तमान मे उ0प्र0 के किसी एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए रू0 7000000 (रू0 सत्तर लाख मात्र) अधिकतम सीमा है। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किया जाना एक भ्रष्ट आचरण है।
धारा 77(2)के अधीन लेखे मे ऐसे विवरण निहित होने चाहिए जैसे कि निर्धारित किये गये हो।
धारा 10(क) यदि आयोग का यह समाधान हो जाता है कि
(क) निर्वाचन व्ययों का लेखा उस समय के भीतर और इस रीति में जैसी उस अधिनियम के द्वारा या अधीन अपेक्षित है, दाखिल करने मे असफल रहा है तथा (ख) उस असफलता के लिए कोई अच्छा कारण या न्यायोचित्य नही रखता है, तो निर्वाचन आयोग शासकीय राजपत्र मे प्रकाशित आदेश द्वारा उसको निरर्हित घोषित करेगा और ऐसा व्यक्ति उस आदेश की तारीख से तीन वर्ष कालावधि के लिए निरर्हित होगा। अभ्यर्थियों द्वारा किये जाने वाले दैनिक निर्वाचन व्यय के अनुवीक्षण के लिए निर्वाचन व्यय तंत्र स्थापित किया गया है। अभ्यर्थियों द्वारा निर्वाचन व्यय के लेखे का दैनिक रख रखाव अनिवार्य है। यद्यपि, निर्वाचन व्यय का लेखा, निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि के 30 दिनों के अन्दर प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित है, फिर भी प्रचार-अवधि के दौरान अनुवीक्षण नियमित आधार पर किया जाना होता है जिससे कि इस अवधि के दौरान अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों द्वारा उपगत प्रत्येक निर्वाचन व्यय का उपयुक्त एवं सटी तरीके से लेखा-जोखा रखा जा सके।

राजनैतिक दलों हेतु निर्देश

आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दलों को भी यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनके अभ्यर्थी विहित व्यय सीमाओं को पालन करें और विहित समय तथा रीति से उसकी रिपोर्टिंग करें
अभ्यर्थी के नाम या फोटो के बिना दल पोस्टरो, बैनरो, विज्ञापनों इत्यादि पर व्यय राजनैतिक दल द्वारा पार्टी व्यय के रूप मे दर्शाया जायेगा।
निर्वाचन खर्च के व्यौरे मे अलग-अलग अभ्यर्थियों को दी गयी एक मुश्त सभी रकम स्टार प्रचारको तथा अन्य दलीय पदाधिकारियों की यात्रा पर खर्च बैनरों, पोस्टरों, मंचो, कट आउट, तथा होर्डिंग पर खर्चो का व्यौरा साधारण दलीय प्रचार तथा अलग-अलग अभ्यर्थियों दोनो के लिए प्रेस तथा इलेक्ट्रनिक मीडियां इत्यादि मे विज्ञापन का ब्यौरा शामिल होगा।
स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष मतदान के संचालन के लिए सभी राजनैतिक दलो को नगद लेन-देन के बचना चाहिए तथा सभी दलीय पदाधिकारियों को निर्वाचन प्रचार के दौरान बड़ी मात्रा मे नगद धनराशि नहीं ले जाने के लिए परामर्श देना चाहिए ।
राजनैतिक दल अपनी जन सभाओं के दौरान जनता द्वारा दान की गयी खुदरा राशियों को छोड़कर ऐसे सभी व्यक्तियों/कम्पनियो/ईकाइयों के नाम एव ंपते को रखेंगे जो उन्हे दान देगें।
कोई दल यदि किसी प्रकार का व्यय कर रहा है तो यह सुनिश्चित करेगा कि रू0 10000/- (रू दस हजार मात्र) से अधिक का कोई भी भुगतान एक दिन मे किसी व्यक्ति/कम्पनी या इकाई को नकद रूप मे नहीं किया जायें।
यदि दल अपने अभ्यर्थियों को उनके निर्वाचन खर्च मे कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना चाहता तो यह सहायता निर्धारित उच्चतम सीमा रू0 7000000/-(रू0 सत्तर लाख मात्र) से अधिक नहीं होगीं तथा भुगतान केवल बैंक एकाउण्ट ट्रान्सफर से होगा न कि नकद।
नाम निर्देर्शन की तारीख से परिणाम घोषित होने तक (दोनों तारीख सम्मिलित) निर्वाचन के सम्बन्ध में सभी व्यय चाहे वह स्वयं किया गया हो अथवा अपने निर्वाचन एजेंट द्वारा। एक अलग एवं सही लेखा रखेगा।
निर्वाचन व्यय के लिये प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा नामांकन से कम से कम एक दिन पूर्व का एक पृथक (नया) बैंक खाता खोला जायेगा। जिसका उल्लेख नामांकन दाखिल करते समय अभ्यर्थी द्वारा किया जायेगा।
अभ्यर्थी द्वारा सभी निर्वाचन व्यय केवल इसी बैंक खाते से किये जायेगें। निर्वाचन कार्यो पर व्यय किया जाने वाला सारा पैसा चाहे वह अभ्यर्थी का स्वयं का हो अथवा किसी भी अन्य स्त्रोत से प्राप्त हो सब इसी बैंक खाते में जमा कराया जायेगा।
उक्त खाता स्वयं के नाम से या अपने निर्वाचन एजेंट के साथ संयुक्त रूप से खोल सकता है। अपने एजेण्ट के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति अथवा परिवार के किसी सदस्य के साथ संयुक्त खाता नहीं खोला जा सकता है। अभ्यर्थियों के पूर्व से विद्यमान खाते इस प्रयोजन हेतु प्रयोग मे नही लाये जायेगें।
इस बैंक खाते से अभ्यर्थी क्रास एकाउन्ट पेई चेक द्वारा सारा व्यय करेगा तथा सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान व्यय की किसी मद के लिये किसी व्यक्ति/हस्ती को रू0-10000.00 (रू0 दस हजार मात्र) तक दिया जाना है तो खाते से इस धनराशि का व्यय नकद रूप में किया जा सकता है। अन्य सभी भुगतान बैंक खाते से एकाउन्ट पेई चेक द्वारा ही किया जा सकता है।
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कोई अभ्यर्थी किसी एक व्यक्ति या ईकाई से नगद अथवा ऋण के रूप में रू-10000.00 (रू0 दस हजार मात्र) से अधिक के अंशदान नही प्राप्त करेगें। इससे अधिक के सभी अंशदान/ऋण चेक/ ड्राफ्ट या खाता हस्तान्तरण के माध्यम से प्राप्त किये जायेगें तथा अभ्यर्थी गण ऐसे व्यक्तियों/ईकाईयों के पूरे नाम तथा पता रखेगें।
यदि अभ्यर्थी /ऐजेण्ट या पार्टी कार्यकर्ता को ले जाने वाले किसी वाहन मे (1) रू0 पचास हजार से अधिक की नकदी पायी जाती है या (2) वाहन मे पोस्टर या निर्वाचन सामग्री या कोई ड्रग्स शराब, हथियार अथवा (3) रू0 दस हजार मूल्य से अधिक की ऐसी उपहार वस्तुए ले जा रही है जिनका इस्तमाल निर्वाचको को प्रलोभन दिये जाने के लिए किये जाने की सम्भावना हो या (4) वाहन मे अन्य कोई गैर कानूनी वास्तुए पायी जाती है तो वे जब्त किये जाने की शर्त के अधीन होगी।
कोई स्टार प्रचारक अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए एक लाख तक की नकदी अनन्य रूप से ले जा सकता है।
व्यय सम्बन्धित मामलों के लिए निर्धारित प्रारूप ड़ (6) पर अभ्यर्थी एक अतिरिक्त निर्वाचन एजेण्ट की नियुक्ति कर सकता है।

डीएम ने किया निर्वाचन कार्यालय का संघन निरीक्षण, गोदाम में लगे सीसी टीवी कैमरों को चालू रखने का दिया निर्देश

अयोध्या। जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार झा ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय के विभिन्न पटलों व कार्यो का सघन औचक निरीक्षण किया और प्रत्येक पटल प्रभारी को निर्वाचन से सम्बन्धित कार्य को सुव्यवस्थित व निर्धारित समय-सीमा में करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होने सर्वप्रथम सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में स्थापित कन्ट्रोल रूम व टोल फ्री नम्बर 1950 पर आ रही शिकायतों व समस्याओं को एक अलग रजिस्टर में क्रमबद्ध तरीके से दर्ज कर उनके निस्तारण का भी उल्लेख करने को कहा।
जिलाधिकारी श्री झा ने निर्वाचन कार्यालय के स्टोर रूमो को भी देखा तथा उसमें रखी सामग्री को सुव्यवस्थित तरीके से रखने को कहा। इसके पश्चात् उन्होनें ईवीएम मशीनों के गोदाम को भी देखा और वहां 24 घण्टे पुलिस गार्ड तैनात रहने को कहा तथा इस बिल्डिंग में जो भी अधिकारी आये उसका नाम, पदनाम तथा आने-जाने का समय भी दर्ज करने को कहा। उन्होनें गोदाम में लगे पांचो सीसी टीवी कैमरों को चालू हालत में रखने को कहा तथा इसके कन्ट्रोल रूम को भी देखा। बिल्डिंग के प्रथम तल में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय तथा अन्य पटल सहायकों के कार्यो को देखा तथा इसमें सुधार लाने को कहा। निर्वाचन कार्यालय से जो डाक विभिन्न अधिकारियों को प्रेषित की जाये इसका रिकार्ड भी सुव्यवस्थित ढंग से रखा जाये ताकि जब इसका अवलोकन या निरीक्षण किया जाये तब स्थिति तत्काल स्पष्ट हो जाये। उन्होनें एम.सी.एम.सी. कन्ट्रोल रूम का भी निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी/सीआरओ पी0डी0 गुप्ता, एडीएम सिटी वैभव शर्मा, सहा0 जिला निर्वाचन अधिकारी कमलेश कुमार, निर्वाचन कार्यालय के सहायक मो0 तौसीफ आदि उपस्थित थे।

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