-हर तीसरा व्यक्ति, हाई ब्लड-प्रेशर से ग्रसित, हाई-ब्लडप्रेशर को हैप्पी-हार्मोन्स से करें बेअसर
अयोध्या। बढ़ता मनोसन्ताप तेजी से बढ़ रहे उच्च-रक्तचाप का मुख्य कारण बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर तीसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित है तथा नब्बे फीसदी लोगों को इसका पता ही नही है। इसी जागरूकता के मद्देनज़र वर्ल्ड हाइपरटेंशन-डे मनाने की शुरुवात 2005 में हुयी। स्ट्रेस-हार्मोन कार्टिसाल व एड्रेनलिन के बढ़े रहने से हार्ट-रेट व रक्त वाहिनियों के संकुचन में वृद्धि हाई ब्लडप्रेशर का कारण बनता है। स्ट्रेस-ईटिंग या जंक-ईटिंग पैटर्न से अधिक शुगर, फैट व नमक तथा मनोतनाव से क्षद्म शुकुन दिलाने वाले मादक पदार्थ आग में घी का काम करते हैं।
आठ घन्टे की गहरी नींद से हृदय मांशपेशियों को आराम मिलता है व रक्त-चाप सामान्य होता है। रिवॉर्ड हार्मोन- डोपामिन,लव हार्मोन- ऑक्सीटोसिन, मूड स्टेबलाइज़र हार्मोन- सेराटोनिन, साइकिक पेन रिलीवर हार्मोन-इन्डोर्फिन के समुचित संचार से ब्रेन रिलैक्स होता है तथा स्ट्रेस-हार्मोन कोर्टिसाल व एड्रेनिल घटता है जिसका सकारात्मक प्रभाव रक्त-दबाव पर पड़ता है।
इस प्रकार डी ओ एस ई- डोज़ यानि डोपामिन, ऑक्सीटोसिन,सेराटोनिन व इंडार्फिन की खुराक हार्ट-हीलर का कार्य करती है जो सेल्फ टाइम या हाबी एक्टिविटी से प्राप्त होती है। हार्ट-हेल्दी डाइट,एक्सरसाइज, तथा मनोशांति की ब्रीथिंग, चैंटिंग व ग्राउंडिंग तकनीक बहुत ही लाभकारी है। यह बातें फैज़ाबाद पब्लिक स्कूल में वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर आयोजित स्ट्रेस ऐंड हाइपरटेंशन टाक- शो मे जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्शदाता डा. आलोक मनदर्शन ने कही। प्रबंधक उमर मुस्तफा के निर्देशन व प्रिंसिपल के के मिश्रा के संयोजन में आयोजित टॉक-शो में समस्त शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।