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वीआईपी है तो दवा लेने जाए 6 किमी दूर

मोदी सरकार का नारा स्वास्थ्य सेवा आपके द्वार

अयोध्या। भारतीय जनता पार्टी की मोदी योगी सरकार सभी को वसुधा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य सेवा आपके द्वार। इसको लेकर सरकार की ओर से मोबाइल मेडिकल वैन भी शुरू की गई है। हालांकि जिले में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा उठाने वाले जिला अस्पताल में इसके उलट धारा बह रही है। जिला अस्पताल प्रशासन ने बीआईपी के लिए अजीब व्यवस्था कर दी है। अब इनको दवा लेने 6 किलोमीटर दूर जाना होगा। चर्चा है कि जिला अस्पताल प्रशासन में या फरमान बिना किसी विधिक व्यवस्था के कर दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
वैसे तो जिला अस्पताल इलाज कराने आने वालों को दवाएं अस्पताल के स्टोर के माध्यम से विभिन्न काउंटरों से प्रदान की जाती है। जबकि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए महंगी दवाओं की खरीद लोकल परचेज के आधार पर मेडिकल स्टोर से की जाती है। जिला अस्पताल में सरकारी कोटे की दवा उपलब्ध ना होने पर भी लोकल परचेज का सहारा लिया जाता है। जिला अस्पताल में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली तमाम दवाओं का टोटा चल रहा है। सरकार की ओर से वीआईपी की श्रेणी में शामिल सांसद, पूर्व सांसद, विधायक,पूर्व विधायक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पत्रकार तथा सेवारत प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारी के इलाज के लिए लोकल परचेज का प्रावधान है। इसके लिए सरकार की ओर से बाकायदा शासनादेश जारी किया गया था। पहले लोकल परचेज का अनुबंध जिला अस्पताल के सामने थोड़ी दूर स्थित एक मेडिकल स्टोर से था। हालांकि इधर बीच दवाओं के लोकल परचेज का अनुबंध अयोध्या स्थित एक मेडिकल स्टोर को दे दिया गया। इस मेडिकल स्टोर की जिला अस्पताल से दूरी 6 किलोमीटर से ज्यादा है। ऐसे में बीआईपी माने जाने वाले मरीजों के सामने संकट है कि वह डॉक्टर का परामर्श जिला चिकित्सालय में ले और दवा के लिए 6 किलोमीटर लंबा सफर तय करें।
बताया जाता है कि जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ए के राय ने मनमाने तरीके से बिना टेंडर के अपने चहेते को लोकल परचेज दवा का ठेका दे दिया। नियमानुसार लोकल परचेज का अनुबंध हासिल करने वाला मेडिकल स्टोर जिला चिकित्सालय के एक किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए। लेकिन अनुबंध 6 किलोमीटर दूर स्थित मेडिकल स्टोर के साथ किया गया। वह भी बिना निविदा के। इसी तरह प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन का भी बिना टेंडर के दूसरे व्यक्ति को ठेका दे दिया। जबकि पूर्व ठेकेदार को अग्रिम आदेश तक कार्य करने का आदेश भी प्राप्त है।
इस बाबत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम श्रीवास्तव ने बताया कि लोकल परचेज दवा की दुकान जिला चिकित्सालय से एक किलोमीटर के दायरे में हो अथवा चिकित्सालय परिसर में उस दवा दुकान का काउंटर खुलना चाहिए। सीएमएस की ओर से राजकीय श्रीराम चिकित्सालय के निकट की दुकान को ठेका दिया जाना नियमानुसार गलत है। वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश सिंह का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल जिला अधिकारी से मिलकर शिकायत करेगा। नियमों की अनदेखी कर कोई मनमानी नहीं कर सकता। सब कुछ नियम कायदे के दायरे में होगा।

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