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खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने किया खुलासा
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कहा सीआईए व मोसाद ने प्रशांत किशोर को बनाया सियासत का चाणक्य
फैजाबाद। मोदी के चुनावी जीत की असली नायक विदेशी खफिया एजेंसियां थीं। सीआईए व मोसाद ने प्रशांत किशोर को रातोरात भारतीय सियासत का चाणक्य बना डाला। नरेन्द्र मोदी की 2014 की रिकार्ड जीत कहीं से भी प्रशांत किशोर का जादू नहीं था। विदेशी खुफिया एजेंसी खुद को सामने रखकर क्रेडिट नहीं ले सकती थी इसलिए उन्होंने मोदी की जीत का सेहरा प्रशांत किशोर के सिर पर बांध दिया। यह आरोप शोन अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने लगाया है।
उन्होंने खुलासा किया कि प्रशांत किशोर ने अभी बीते दिन एक सर्वे घोषित किया जिसमें 2019 पीएम पद के लिए नरेन्द्र मोदी को 48 फीसदी लोगों की पसंद बताकर उन्हें टाॅप फस्ट पर रखा। इस अभियान को उन्होंने नेशनल एजेंडा फोरम नाम दिया जिसमें बताया गया कि नेशनल एजेंडा महात्मा गांधी के 18 सिद्धांतो को आधार पर रखकर लगभग 55 लाख लोगों ने देशभर में वोटिंग किया। उसके रूझान के अनुसार मोदी सर्वाधिक पसंद किये गये।
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर पीआर एडवरटाइजिंग सेक्टर से थे। इन दिनों उन्होंने कई विधायकों और सांसदों का सोशल मीडिया हैंडलिंग का काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर को विदेशी खुफिया एजेंसियों का एजेंट बताते हुए कहा कि 2014 की जीत के बाद उन्होंने बिहार व पंजाब चुनाव में भाजपा को जीत दिलायी परन्तु यूपी में मात खा गये। सवाल यह भी उठता है कि इन सब कार्यों के लिए प्रशांत किशोर को कितना पैंसा और कहां से मिलता है। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर की कम्पनी आईपैक का गठन 15 अप्रैल 2015 को हुआ था। बिहार, यूपी, पंजाब के चुनाव में इस कम्पनी का घोषित टर्नओवर मात्र 95 लाख था। वित्तीय वर्ष 2016-17 में टर्नओवर 27 लाख हो गया। यह कम्पनी घटे पर चलने लगी परन्तु अचानक चमत्कार हुआ और कम्पनी की आय का ग्राफ आसमान छूने लगा। उन्होंने यह भी बताया कि मोदी के विजय रथ को हांकने की शुरूआत सबसे पहले इजराईली एजेंसी मोसाद के ही संगठन एपीसीओ ने किया था। सन् 2007 में प्रशांत किशोर को कोई जानता तक नहीं था। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मात्र इतना है कि भारतीय लोकसभा और विधान सभा चुनाव में विदेशी एजेंसियां जिस तरह प्रशांत किशोर को इस्तेमाल कर रही हैं तथा नरेन्द्र मोदी अपना हित साथ रहे हैं का खुलासा करना है। पत्रकार वार्ता में समाजसेविका शिल्पी चैधरी भी मौजूद थीं।