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जानलेवा हमले में पिता-पुत्र समेत तीन अभियुक्तों को 6 साल की कैद

-तीनों अभियुक्तों पर लगाया गया 18 हजार रूपया जुर्माना भी,  13 साल पहले तारून क्षेत्र में वादी के चाचा पर हुआ था जानलेवा हमला

अयोध्या। वर्ष 2011 को जमीनी विवाद की पुरानी रंजिश को लेकर बैजनाथ पर लाठी डंडे से जानलेवा हमला कर हाथ तोड़ने व सर फोडने के बहुचर्चित मामले में दोष सिद्ध तीन अभियुक्तों रोजिराम दूबे, दिनेश दूबे व नीरज दूबे को 6-6 साल की सजा से दंडित किया गया साथ ही प्रत्येक अभियुक्तों पर छह छह हजार रूपया जुर्माना भी किया गया। शनिवार को यह फैसला अष्ठम जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत कुमार ने वादी एवं गवाहों के बयान के आधार पर दोषसिद्ध करते हुए सुनाया है।

इसके पश्चात तीनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बींच जेल भेजने का आदेश भी पारित किया है। वहीं तीसरे अभियुक्त राकेश दूबे को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है। बरी हुए अभियुक्त राकेश दूबे के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप सिंह व हृदय नारायण सिंह ने पैरवी किया। यह मामला अयोध्या जनपद के थाना तारून क्षेत्र के सोनौरा गांव का जमीनी रंजिश को लेकर 13 साल पहले हुआ था।

अभियोजन पक्ष से सरकारी अधिवक्ता रमेश तिवारी ने बताया कि 13 मई 2011 को रात्रि 10 बजे विपक्षी राजितराम दूबे, शिव कुमार के ट्यूबेल में कटिया लगाया था। ट्यूबेल में बोल्टेज लो हो गया था। इसपर शिवकुमार के चाचा बैजनाथ से विपक्षी राजितराम दूबे से कहासुनी हो गयी इस बात को लेकर दूसरे दिन 14 मई 2011 की सुबह 7 बजे राजितराम दूबे अपने लड़के नीरज व धीरज पत्नी उर्मिला के साथ राकेश दूबे, राजेन्द्र दूबे तथा दिनेश दूबे को लेकर आये उन सभी के हाथ में लाठी व डंडा था सभी ने मिलकर शिव कुमार के चाचा बैजनाथ पर जान से मारने के लिए हमला कर दिया। इस हमले में बैजनाथ का दाहिना हाथ टूट गया और सिर फट गया । इस हमले में बैजनाथ बेहोश होकर गिर गया। शोर-शराबा सुनकर शिव कुमार व उसकी मां शांति देवी मौके पर पहुंचकर विरोध किया तो उनपर भी लाठी डंडा से हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया। शोर सुनकर गावं वाले पहुंचे और सभी को अस्पताल ले गये।

घटना की रिपोर्ट शिव कुमार की तहरीर पर थाना तारून में राजितराम दूबे समेत अन्य हमलावरों के खिलाफ मु.अ.सं. 386/2011 के अन्तर्गत गम्भीर अपराधों में दर्ज किया गया विवेचना के दौरान पुलिस ने उर्मिला और राकेश दूबे का नाम निकाल दिया था। वहीं तीसरे अभियुक्त धीरज दूबे को न्यायालय ने जुबनाइल कर पांच अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र सम्बंधित कोर्ट में प्रस्तुत किया सुनवाई के दौरान अभियुक्त राजेन्द्र दूबे की मृत्यु हो गयी थी वहीं वादी शिव कुमार व अन्य गवाहों के बयान के आधार पर मुख्य अभियुक्त राजितराम दूबे, नीरज दूबे व दिनेश दूबे को धारा 308 में 6 साल की सजा और पांच हजार रूपये जुर्माना किया गया।

धारा 325 में पांच साल की सजा व एक हजार रूपया जुर्माना, 504 में एक साल की सजा व 506 में तीन साल की सजा तथा 323 में छह माह की सजा से दंडित किया गया जबकि अभियुक्त राकेश दूबे को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया। दोषमुक्त अभियुक्त राकेश दूबे के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप सिंह ने बचाव करते हुए तर्क दिया कि वह निर्दोष है रंजिशन फर्जी फसाया गया है अभियोजन पक्ष ने 319 में तलब किया था।

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