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भावनात्मक प्रबंधन ही है तनाव प्रबंधन : डा. आलोक मनदर्शन

-इमोशनल मैनेजमेंट है सक्सेस मन्त्र

अयोध्या। इमोशनली इंटेलीजेंट व्यक्ति मनोदबाओं से हताश न होते हुए अपनी क्षमता का श्रेष्ठ उपयोग करता है। यह बातें जवाहर नवोदय विद्यालय डाभासेमर में आयोजित मनोतनाव प्रबंधन व व्यक्तित्व विकास विषयक कार्यशाला में जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कही। उन व्यक्तित्व विकारों पर परिचर्चा हुई की जो कि आगे चलकर गम्भीर मनोरोग का कारण बनते है ।

किशोर व युवाओं में बढ़ती इमोशनल हेल्थ संशयों व मुद्दो पर खुल कर समाधान चर्चा हुई तथा परिवार व स्कूल के भावनात्मक वातावरण के संवर्धन व सहयोग पर विशेष जोर देते हुए इमोशनल इंटेलीजेंस की रोल मॉडलिंग पर जोर दिया गया। टीचर, स्टूडेंट व परिजन एक ही चेन की भावनात्मक कड़ी होती है तथा स्टूडेन्ट के इस चेन की सबसे संवेदनशील कड़ी होने के कारण अन्य दो कड़ियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है क्योंकि किशोरो व युवाओं का इमोशनल ब्रेन अपरिपक्व होता है ।स्ट्रेस मैनेजमेंट की आधारशिला सीखने की उम्र यही होती जिससे स्टूडेन्ट तनाव का स्वस्थ प्रबन्धन करते हुए अपना सफल योगदान करता है।

कार्यक्रम के अंत में इमोशनल समस्याओं के प्रति व्याप्त अज्ञानता को उपचार में गम्भीर बाधा के रूप में माना गया।कार्यशाला में स्टूडेंट्स व शिक्षक मौजूद रहे। डॉ मनदर्शन ने ऑब्जर्वेशनल मेथड द्वारा इमोशनल इंटलीजेंस एम्बेसडर घोषित करते हुए बौद्धिक क्षमता के साथ भावनात्मक बुद्धिमता विकसित करने पर जोर दिया।स अवसर पर श्रीमती अर्चना, श्री ए निगम, श्री मिसबाहुद्दीन, श्री विजय शाह, श्री एन के सिंह आदि शिक्षक भी उपस्थित रहे। श्रीमती अनीशा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन व डॉ एस के एम त्रिपाठी द्वारा संचालन तथा अध्यक्षता प्रधानाचार्य के के मिश्र द्वारा किया गया।

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Written by Next Khabar Team

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