काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
अयोध्या। सामाजिक संस्था सपना फाउंडेशन के तत्वाधान में आवास विकास कॉलोनी,अंगूरी बाग में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुंबई से पधारे फिल्मी गीत का पंडित किरण मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि दयानंद सिंह मृदुल तथा संचालन हास्य कवि रामानंद सागर ने किया।
गोष्ठी का प्रारंभ कवि सागर ने सरस्वती वंदना से किया । इस मौके पर अनिल मिश्र’साहिल’ की गजल ’चांद तारों की ओर चांद तारों की तरह उसको चमकता देखो’ का सस्वर वाचन किया, जिसकी सभी ने बहुत प्रशंसा की। कवि जमशेद ने अपनी गजल जब भी देखूं मैं उसे हंसता चेहरा देखूं पढ़ी। वहीं प्रख्यात कवियत्री स्वदेश ’रश्मि’ ने गीत रंग चेहरों का बाटते रहिए, रंगे माहौल भागते रहिए । बढ़ रही है दिलों की नफरत, तो प्यार के फूल बांटते रहिए का सस्वर वाचन किया। कवि अशोक टाटमबरी ने लोकगीत सुनाकर भारत मां की आरती की। प्रख्यात कवित्री राधा पांडेय ने ’मिलती हूं मैं जब तुमसे न कोई बात होती है तो मुझको जिंदगी अपनी विफल मालूम होती है’ कि भावभीनी प्रस्तुति की। रामानंद सागर ने जो जुबान से अपनी मुकर गया वह मेरी नजर से उतर गए उतर गया मुक्तक पढ़कर महफिल में चार चांद लगा दिया। मुख्य अतिथि पंडित किरण मिश्र ने अपने कविता पाठ में सुनाया कि मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो और विद्युत की धारा में डूब गए हम, तन मन है जल रहा प्रकाश के लिए और अपने तो इर्द-गिर्द केवल जलन है घुटन मे तड़पता हूं मैं सांस के लिए , सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।गोष्ठी अध्यक्ष मृदुल ने गजल सुनाकर सभी का मन मोह लिया और अंत में सोशल एक्शन फ़ॉर प्रोगेसिव नेशन फाउंडेशन की अध्यक्षा स्वदेश मल्होत्रा ने सभी का आभार व्यक्त कर मुख्य अतिथि पंडित मिश्रा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन खलीक खान ने माउथ आर्गन धुन बजाकर किया।