-पक्षी विहार कहे जाने वाले उधैला झील में नहीं है गांठ भर भी पानी
मिल्कीपुर-अयोध्या। पक्षी विहार कहे जाने वाले उधैला झील में गांठ भर पानी नहीं है। तलहटी में कहीं-कहीं थोड़ा बहुत पानी दिखाई देता है,अति प्राचीन भगवान शिव के सिद्धनाथ मंदिर के सामने स्थित उधैला झील 5 गांव के कई मजरों से होकर गुजरती है। इस झील को पक्षी विहार बनाने का प्रयास करीब 18 वर्ष पहले 2004 के उपचुनाव में मिल्कीपुर से विधानसभा के विधायक रामचंद्र यादव ने शुरू किया था। उनकी मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस झील को पक्षी विहार बनाने का आश्वासन दिया था। उस समय तहसील की टीम द्वारा पैमाइश हुई, लेकिन आगे की प्रगति ठप हो गई थी। पक्षी विहार की फाइलें शासन में ठंडे बस्ते में पड़ गई थी। जब सरकार ने इसका संज्ञान लिया तो फिर से फाइल विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने लगी।
प्रभागीय वन अधिकारी अयोध्या शीतांशु पाण्डेय एवं उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर अमित जायसवाल ने मंगलवार दोपहर बाद क्षेत्रीय वन अधिकारी कुमारगंज पी के श्रीवास्तव के साथ पक्षी विहार का निरीक्षण किया। एसडीएम ने बताया कि पक्षी विहार की फाइलें तैयार कर शासन को भेजी जाएंगी ताकि टूरिज्म के रूप में स्थापित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि झील में छोटे-छोटे टॉपू बनाए जाएंगे, ताकि विदेशी पक्षी प्रजनन कर अंडे भी दे सकें। सुंदरता के लिए चारों तरफ बारहमासी फूल लगाए जाएंगे पर्यटकों के घूमने के लिए वोटिंग की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है, पक्षियों की निगरानी के लिए वाचर टावर का भी निर्माण कराए जाएंगे ताकि कोई शिकारी विदेशी पक्षियों का शिकार ना कर सके।शासन से निर्देश मिलते ही कार्य को प्रगति में लाया जाएगा।
मिल्कीपुर विधायक के रुप में रामचंद्र यादव ने वर्ष 2006-07 में झील में पक्के घाट का निर्माण भी कराया। विधायक का प्रयास जारी रहा नतीजतन वर्ष 2019 की शुरुआत में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. अनिल पाठक के आदेश पर तत्कालीन सीडीओ रवीश कुमार गुप्ता ने मातहतों के साथ उधैला झील का निरीक्षण किया था। उधैला झील का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब साढ़े सात सौ बीघा बताया जाता है। उधैला झील तहसील मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दक्षिण मिल्कीपुर से अमानीगंज मार्ग पर स्थित है।