-स्वास्थ सेवाओं की बदहाली बयां करती है हकीकत
अयोध्या। सरकार और स्वास्थ्य महकमा भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही बयां करती है। मंत्री सीएम से शिकायत के बावजूद सीटी स्कैन मशीन की सुविधा हासिल नहीं हो सकी तो वही दान में मिली डिजिटल एक्सरे मशीन के लिए महकमा और सरकार फिल्म तक नहीं खरीद सके।
गौरतलब है कि डिजिटल करण निर्माता कंपनी सैमसंग की ओर से वर्ष 2018 के दिसंबर माह में जिला अस्पताल प्रशासन को डिजिटल एक्सरे मशीन दान में दी गई थी। तब स्वास्थ्य महकमे ने डिजिटल एक्सरे मशीन के माध्यम से वाहवाही लूटी थी और मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक का डिजिटल एक्सरे हासिल होने का दावा किया गया था लेकिन बीते 3 सालों में स्वास्थ्य महकमा शासन और सरकार दान में मिली डिटेल एक्सरे मशीन के लिए फिल्म तक खरीद नहीं सकी जिसके चलते या डिजिटल एक्सरे मशीन क्षेत्रीय निदान केंद्र में निष्प्रयोज्य पड़ी है। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि चूहों ने मशीन की केबल को कुतर डाला है।
अव्यवस्था का आलम यह है कि देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन जिला अस्पताल में साफ सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। शौचालय की हालत खस्ता है और साफ सफाई ना होने के चलते इससे वाडो तक दुर्गंध आती है। नियम के तहत जिला चिकित्सालय में भर्ती प्रत्येक मरीज के बेड के पास यूरिन पाठ टॉयलेट पाठ और चिलम जी होना चाहिए लेकिन यह जरूरत पड़ने पर आसपास से खोजना पड़ता है। क्या व्यवस्था के तहत सभी वार्डों और ओपीडी में रोज साफ सफाई होनी चाहिए तथा कीटनाशक का छिड़काव होना चाहिए लेकिन यह तभी होता है जब कोई उच्चाधिकारी अस्पताल के निरीक्षण पर आता है। स्वास्थ विभाग की ओर से साफ सफाई का ठेका लखनऊ की प्राइम क्लीनिक संस्था को दिया गया है।
जिला अस्पताल के नवागत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. चिरंजी राय का कहना है कि उन्होंने अभी जल्दी ही कार्यभार ग्रहण किया है। अधिकारियों से डिजिटल एक्सरे मशीन के बारे में पूरी जानकारी मांगेंगे और इस मशीन को जल्द से जल्द चालू कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई कराएंगे। कमियों को दूर करने के लिए संबंधित को पत्र लिखा जाएगा और व्यवस्था ठीक न होने पर नियमों के तहत अग्रिम कार्रवाई होगी।