जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अकाल, जांच सुविधाओं का भी है टोटा, नहीं है दवाएं
-प्रमोद पाण्डेय
अयोध्या। सुबह की सत्ता बदलने के बाद वर्तमान योगी सरकार की ओर से स्वास्थ सेवाओं की बदहाली को दूर करने के लिए लंबे चौड़े दावे किए गए थे। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत जिला अस्पताल समेत जिले के अन्य अस्पतालों का वशीकरण किया गया था। जनपद को मेडिकल कॉलेज की भी सौगात मिली थी। हालांकि जमीनी पड़ताल में सरकार और प्रशासन के सारे दावे हवा हवाई हैं। न तो जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न ही विभिन्न जांच की सुविधाएं मिल पा रही हैं। मरीज तो सर कल आते हैं लेकिन दवाओं का टोटा है। हाल यह है कि बीआईपी माने जाने वाले इस जिले में बेहोशी के केवल दो डॉक्टर हैं। जिला अस्पताल में शहर तथा इसके आसपास की नहीं बल्कि देहात क्षेत्र के विभिन्न प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भर्ती होने वाले मरीज भी रेफर होकर आते हैं। केंद्र और प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिला तथा अन्य अस्पतालों को भारी-भरकम रकम आवंटित की गई। जिला अस्पताल के साथ जिला महिला अस्पताल और राम नगरी स्थित श्री राम चिकित्सालय का उच्ची करण किया गया। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी भी इसी जिला अस्पताल पर है। मगर जमीनी हालात की बात करें तो सरकारी अस्पताल खुद ही बीमार है।
विशेषज्ञ और बेहोशी चिकित्सक का अभाव
जिला अस्पताल के लिए डॉक्टरों समेत नरसिंग व अन्य के तमाम पद सृजित हैं। मगर हालात यह है कि तमाम सृजित पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की उपलब्धता नहीं है। जिला अस्पताल में करोड़ों की कीमत से आईसीयू वार्ड तो बन गया लेकिन कई सालों से कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती ही नहीं हो पाई। समय-समय पर डिप्लोमा हासिल चिकित्सकों के भरोसे हृदय रोग विभाग का संचालन होता रहा। यह केवल हृदय रोग विभाग का ही नहीं है जिला अस्पताल में ना तो कोई न्यूरोलॉजिस्ट है और ना ही रेडियोलॉजिस्ट। बेहोशी का चिकित्सक है अभी तो केवल एक। उसी के जिम में महिला और जिला अस्पताल की जिम्मेदारी है।
जांच सुविधाओं की हालत भी बदरंग
हालत केवल डॉक्टरों की उपलब्धता को लेकर खराब नहीं है बल्कि जिला अस्पताल में विभिन्न जांच सुविधाओं की भी हालत खस्ता है। जिला चिकित्सालय में लगी सिटी स्कैन मशीन 8 अगस्त सन 2017 से खराब पड़ी हुई है जबकि मंडल मुख्यालय पर जिला अस्पताल में मात्र एक सिटी स्कैन मशीन की व्यवस्था थी। सिटी स्कैन मशीन खराब होने के कारण मरीजों को बाजार के निजी पैथोलॉजी में जांच करानी पड़ती है और मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। जांच के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन तो जिला अस्पताल के अलावा महिला अस्पताल श्री राम चिकित्सालय और दर्शन नगर स्थित मंडलीय चिकित्सालय में उपलब्ध है लेकिन इस को संचालित करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट पूरे जिले में एक ही है। जिसके चलते मशीनों की उपलब्धता के बावजूद जांच का कार्य प्रभावित है। खून और पेशाब आदि की जांच की हालत भी बहुत बेहतर नहीं है। मरीजों की सुविधा के मद्देनजर पूर्व में एक प्राइवेट पैथोलॉजी का काउंटर भी जिला अस्पताल में खोला गया था। हालांकि शासन की यह कवायद भी अपेक्षित परिणाम न दे सकी।
दवाओं का भी है टोटा
जिला चिकित्सालय में कई माह से बीटाडीन, डाइकलो जेल, पेरासिटामोल सिरप, आयरन टेबलेट, डाइकलो पैनिक दर्द की गोली, मिलपरइटओडम उल्टी की, पेंटा पेराजोल गैस की, सिटीजन खुजली की, आई ड्रॉप-ईयर ड्रॉप,डोटा बेरिन, डेक्सा डेरीफाइलीन, पैरीनाम सिल्वर, सल्फा डायजिन, डायजिपाम, इंसुलिन सिल्क नीडल होल्डर एंटी रेबीज इंजेक्शन का अकाल पड़ा हुआ है। केंद्र सरकार की आयुष योजना के तहत जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र तो खोल दिया गया लेकिन लिखी जाने वाली दवाइयों में से इस केंद्र पर महज 10-20 फीसदी दवाएं ही मिल पाती हैं।
निरीक्षण कर डीएम ने जताई नाराजगी
नवागत जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने गुरुवार को जिला अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। साफ सफाई की स्थिति खराब पाने पर सफाई सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। अस्पताल परिसर के बाहर प्राइवेट एंबुलेंस खरीदें नाराजगी जताई। जिला अस्पताल प्रशासन को हिदायत दी की दवाओं की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर लोकल परचेज के आधार पर मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। रेडियोलॉजिस्ट और बेहोशी चिकित्सकों तय दिन के आधार पर दो दिन जिला अस्पताल में रहने को कहा गया है।नई सीटी सीटी स्कैन मशीन तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।
मेडिकल मोबाइल बैन यूनिट को हरी झंडी
अयोध्या। जनपद वासियों को उनके निवास के आसपास स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के मद्देनजर गुरुवार को जिला अस्पताल से मेडिकल मोबाइल बैन यूनिट रवाना की गई। जांच और चिकित्सीय सुविधाओं से युक्त इस मोबाइल बैंक को भाजपा सांसद लल्लू सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम श्रीवास्तव ने झंडी दिखाई। सीएमओ डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि इस मोबाइल मेडिकल यूनिट बैंक से लोगों को घर बैठे चिकित्सा सुविधा हासिल होगी। मेडिकल बाद में एक डॉक्टर के साथ 5 स्टाफ की तैनाती है जो सुबह 9ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक अपने तय रुट तथा निर्धारित क्षेत्र में भ्रमणसील रहेगी। उन्होंने बताया कि जनपद को जल्द ही दो और मेडिकल मोबाइल बैन हासिल होने वाली है। पहली मेडिकल मोबाइल बैंक को मसौधा क्षेत्र में भ्रमण के लिए भेजा गया है।