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उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी

आन्तरिक परीक्षा के स्थान पर ऑनलाइन एसाईन्मेन्ट पर विचार

उत्तर प्रदेश द्वारा कोरोना महामारी में ऑनलाइन शिक्षण हेतु प्रयास एवं छात्र/छात्राओं को मानसिक तनाव, निराशा और मनोवैज्ञानिक दवाब जैसी परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में परामर्श केन्द्रों की स्थापना

लखनऊ। उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने देश में कोरोना से फैली महामारी के चुनौती के क्षणों में यह बताया कि आज हमारे विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व बढ़ गया है कि शिक्षण कार्य को विद्यार्थियों तक सुलभ करने के लिये आनलाईन शिक्षा की दिशा में प्रभावी कदम उठाये जायें। विद्यार्थियों की परीक्षायें सन्निकट हैं, अतः इस ज्ञान को अनालाईन तकनीकी के माध्यम से अधिक से अधिक पाठ्यसामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचायी जाये। आने वाले समय में परीक्षा को ससमय सम्पन्न कराने हेतु प्रभावी रणनीती तैयार करनी होगी। और इसी आधार पर नये शैक्षिक सत्र को नियमित एवं समय से प्रारम्भ करने की दिशा में सार्थक प्रयास हो सकेंगे। इसके साथ ही साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को समझना होगा तथा देश के प्रधानमंत्री मा0 श्री नरेन्द्र मोदी जी के बताये 07 सुझावों का गंभीरता से पालन करना होगा। सामाजिक दायित्वों को निभाने में शिक्षक और युवा वर्ग की अग्रणी भूमिका रही है और आज समय की यही मांग भी है। प्रो0 त्रिपाठी ने इन्ही विचारों के दृष्टिगत बताया कि इन क्षणों में छात्रों के आनलाईन शिक्षण हेतु उ0प्र0 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत किये जा रहे प्रयासों को लगातार पर्यवेक्षित कर रहे है। प्रो0 त्रिपाठी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि राज्य परियोजना निदेशालय, रूसा ने पूर्व में ही भविष्य में आनलाईन शिक्षा की आवश्यकता का पूर्वानुमान कर लिया गया था। इसी के दृष्टिकोण से निदेशालय द्वारा वर्ष 2015 में ही प्रदेश के 92 राजकीय महाविद्यालयों एवं 12 विश्वविद्यालयों में रूसा के अन्तर्गत स्मार्ट क्लासेस की परियोजना तैयार कर भारत सरकार से अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रेषित किया था जिसके अन्तर्गत वर्तमान में 84 महाविद्यालयों एवं 11 विश्वविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस की स्थापना की जा चुकी है जिसमें लॉकडाउन के दौरान इन महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र निरन्तर आनलाईन शिक्षण/काउन्सिलिंग/प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रो0 त्रिपाठी ने यह भी बताया कि इस वैश्विक महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की स्थिति में छात्र/छात्राओं को मानसिक तनाव, निराशा और मनोवैज्ञानिक दवाब जैसी परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा परामर्श प्रकोष्ठ गठित किये गये है। इसी प्रकार महाविद्यालयों के स्तर पर भी परामर्श प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उक्त परामर्श केन्द्रों पर 24 घण्टे शिफ्टवाईज काउन्सलर उपलब्ध रहते है। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों के तनाव को दूर करने के लिए ऑनलाइन योगा क्लासेस तथा विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर योग से सम्बन्धित वीडियों भी उपलब्ध कराये गये है। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अतिरिक्त राष्ट्रीय सेवा योजन के वालंटीयर द्वारा कोरोना वायरस को लेकर फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जारूकता अभियान चलाया जा रहा है। उक्त अभियान सोशल डिसटेन्सिंग को बनाये रखते हुए अपने क्षेत्र के अतिरिक्त काउन्सिलिंग सेन्टर के माध्यम से ऑनलाइन चलाया जा रहा है। वैश्विक महामारी के दौर में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कैरियर काउन्सिलिंग सेल में 18 काउन्सिलिंग टीमों का गठन करने के उपरान्त छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण के साथ-साथ कैरियर से जुड़ी समस्याओं का लगातार समाधान बताया जा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय की अवशेष परीक्षाओं एवं सेमेस्टर परीक्षाओं हेतु परीक्षकों से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रश्न पत्र बनाने के प्रक्रिया शुरू की गयी है। लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा वेबनीयर के माध्यम से राष्ट्रीय संगोष्ठीयों एवं कार्यशालायें आयोजित की गयी है। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद की छात्राओं द्वारा अनोखे प्रयास के अन्तर्गत फैशन डिजाईनिंग का कोर्स कर रही छात्राओं द्वारा प्रतिदिन 250-300 मास्क तैयार कर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जा रहा है। विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों द्वारा लॉकडाउन के दौरान अध्ययनरत् छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण/काउन्सिलिंग /प्रशिक्षण के अन्तर्गत उपलब्ध करायी जा रही पाठ्य सामग्री, आदि का पर्यवक्षेण भी विश्वविद्यालय के स्तर से किया जा रहा है। विषयवार उपलब्ध कराये जा रहे ऑनलाइन पाठ्य सामग्री से छात्र बहुत खुश है क्योंकि छात्र अपनी सुविधानुसार पाठ्य सामग्री एवं आडियो-वीडियों लेक्चर को पढ़ सकते है।
कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा आन्तरिक परीक्षा के स्थान पर ऑनलाइन एसाईन्मेन्ट पर विचार किया जा रहा है, जो समय पर परीक्षा को पूर्ण कराने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आनलाईन शिक्षण/काउन्सिलिंग/प्रशिक्षण में एक कदम आगे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बादलपुर के प्रो0 दिनेश चन्द्र शर्मा द्वारा संचालित एम0एस0सी0-जन्तु विज्ञान देश की पहली कक्षा है जो पूर्ण रुप से कागज विहीन एंव पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था पर आधारित है तथा जिसमें लिखित परीक्षा ;क्मेबतपचजपअम मम्गंउए छवज व्इरमबजपअमए ठमबंनेम पजष्े मेंल जव जांम वइरमबजपअम मगंउ कपहपजंससलए ठनज पद ूतपजजमद वत जीमवतमजपबंस मगंउ पजष्े ं इपह जेंद्ध भी कागज विहीन माध्यम से संचालित होती है । पूर्ण रुप से पेपर बंद हाने के कारण छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण के रुप में दो वर्ष में 20 वृक्ष बचाये, क्योकि औसतन उच्च शिक्षा के चार छात्र प्रतिवर्ष एक पेड का उपयोग पेपर के रुप में करते है ।

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