-ए टाइप पर्सनालिटी बढ़ाती है एंग्जायटी, नाटकीय व्यक्तित्व करते है कार्यस्थल तनाव में वृद्धि
अयोध्या। चिंता या तनाव का होना तो एक हद तक समान्य होता है पर चिंता या तनाव ज्यादा हावी होने पर आत्मविश्वास व कार्य क्षमता में भी गिरावट होती रहती है इसके हाई रिस्क में एंसियस या ए टाइप पर्सनालिटी के लोग होते हैं। इन लोगो में स्ट्रेस बढ़ जाने पर बेचैनी, घबराहट,अनिद्रा, ,चिड़चिड़ापन, सरदर्द, काम में मन न लगता, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण भी आ सकतें है क्योंकि स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसाल व एड्रेनिल बढ़ जाता है । वही दूसरी ओर ड्रामैटिक या नाटकीय व्यक्तित्व के लोगों मे इम्पैथी या दूसरे मनोभावों के प्रति असंवेदनशील होने के कारण तनाव के स्रोत जैसा कार्य करते है।
सलाह :
अपने व सह् कर्मियों के व्यक्तित्व के प्रति समझ व इमोशनल रेगुलेशन व सहकर्मी व सुपीरियर के व्यक्तिव के प्रति भी विवेक पूर्ण समझ की मेन्टल कंडीशनिंग से कार्य स्थल का सफऱ सुगम व स्वस्थ रहेगा। मनोरंजक व रचनात्मक गतिविधियों के साथ योग व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल कर आठ घन्टे की गहरी नींद अवश्य लें । इस जीवन शैली से मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन, डोपामिन,ऑक्सीटोसिन व एंडोर्फिन का संचार होगा जिससे दिमाग व शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं ।
यह जीवन चर्या हैप्पीट्यूड कहलाती है। यह बातें भवदीय पब्लिक स्कूल मे आयोजित एंग्जायटी मैनेजमेंट एंड क्वालिटी ऑफ लाइफ विषयक कार्यशाला में डा आलोक मनदर्शन ने कही। कार्यशाला में प्रतिभागियों के संशय व सवालों का समाधान किया गया। अध्यक्षता निदेशक डा रेनू वर्मा तथा संयोजन प्रिंसिपल बरनाली गाँगुली ने किया । इस अवसर पर सतत कार्यशालाओ के माध्यम से मनोजागरुकता की मशाल की रोशनी से शिक्षकों, छात्रों व अभिभावकों को मनो आलोकित करते रहने हेतु डा आलोक मनदर्शन का अभिनंदन किया गया।