मूल्यांकन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उददेश्य से ‘‘चैलेन्ज इवैल्यूवेशन’’ की व्यवस्था 6 माह पूर्व से लागू
फैजाबाद। डा. राम मनोहर लोहिया अवध विवि में विगत पखवारे भर से विभिन्न समाचार माध्यमों द्वारा अपने स्तर से विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा वर्ष 2018 के घोषित परिणामों के सापेक्ष विभिन्न स्तरों पर विश्लेषण कर संख्यात्मक विवरण जारी करते हुए विश्वविद्यालयीय परीक्षा तथा मूल्यांकन व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। उक्त संदर्भ में विभिन्न स्तरों पर छात्रों द्वारा भी पृृथक-पृृथक रुप से प्रार्थना पत्र के माध्यम से मूल्यांकन का पुनरावलोकन करने तथा उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का पुर्नमुल्यांकन कराए जाने की बात कही जा रही है।
समाचार माध्यमों द्वारा उक्त संदर्भ में प्रसारित समाचारों का तथा छात्रों द्वारा प्रेषित प्रार्थना पत्रों का संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित द्वारा उक्त प्रकरण के संदर्भ में परीक्षा नियंत्रक एवं परीक्षा संचालन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। उक्त बैठक में संदर्भित प्रकरण पर विस्तृृत चर्चा के उपरांत यह आवश्यक समझा गया कि मुख्य परीक्षा वर्ष 2018 के घोषित परीक्षा परिणामों के सापेक्ष विभिन्न प्रकार की चर्चाओं के कारण उत्पन्न हो रही भा्रंतियों की स्थिति पर प्रभावी रोक हेतु आधिकारिक रुप से परीक्षा परिणाम संबंधी संख्यात्मक एवं तुलनात्मक विवरण जारी किया जाए, जिससे कि उक्त संदर्भ में जनमानस तथा समस्त संबंधित पक्षों के समक्ष वस्तु स्थिति स्पष्ट हो सके।
अवगत कराना है कि वर्ष 2018 की मुख्य परीक्षा में उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरुप समस्त सम्बद्व महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों व अध्यापकों के सहयोग से समाज के लिए निरंतर घातक होती जा रही नकल की परम्परा पर प्रभावी रोक लगाई जा सकी है। अवध विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के सम्बद्व महाविद्यालयों में नकल पर प्रभावी रोक के साथ-2 विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उददेश्य से समस्त उत्तर पुस्तिकाओं की कोडिंग सुनिश्चत करते हुए मूल्यांकन सम्पन्न कराया गया है।
कुलपति द्वारा आहूत बैठक में पटल पर स्नातक पाठयकमों में पास होने वाले छात्रों का संख्यात्मक व तुलनात्मक विवरण प्र्रस्तुत किया गया, जिसे जनहित व छात्रहित में इस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है।
बी0ए0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 77259 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 59.95 प्रतिशत छात्र सफल घोषित किए गए। इस विवरण का पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0ए0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में 67 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 59 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। इसी क्रम में बी0ए0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 61610 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 79.86 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0ए0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में 85 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 79 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। उक्त क्रम में बी0ए0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 73014 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें से 76.75 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0ए0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में 84 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 75 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। इसी क्रम में बी0काम0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 7745 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 77.76 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0काम0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में 90 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 69 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। इसी क्रम में बी0काम0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 6611 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 84.34 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0काम0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में 96 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 77 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। इसी क्रम में बी0काम0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 7109 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 79.38 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0काम0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में 92 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 69 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं।
इसी क्रम में बी0एस0सी0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 40442 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 43.01 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0एस0सी0-प्रथम वर्ष की परीक्षा में 58 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 40 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। इसी क्रम में बी0एस0सी0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 23358 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 23.34 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0एस0सी0-द्वितीय वर्ष की परीक्षा में 57 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 20 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं। इसी क्रम में बी0एस0सी0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में समग्र रुप से कुल 34091 छात्र सम्मिलित हुए जिसमें 19.18 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल रहे। पृृथक-पृृथक तुलनात्मक अध्ययन करने पर पाया गया कि अनुदानित महाविद्यालयों में बी0एस0सी0-तृृतीय वर्ष की परीक्षा में 54 प्रतिशत तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में 14 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं।
बैठक में चर्चा के उपरांत यह भी निर्णय लिया गया कि मूल्यांकन व्यवस्था की विश्वसनीयता स्थापित करने के उददेश्य से मूल्यांकन के संदर्भ में छात्रों के स्तर से प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों के सापेक्ष सैंपलिंग के आधार पर प्रत्येक विषय की 100-100 उत्तर पुस्तिकाओं को बाहर के विश्वविद्यालयों में भेजकर पुर्नमूल्यांकित कराया जाएगा तथा इसके आधार पर प्राप्त परिणामों को पुनः विज्ञप्ति के माध्यम से जनमानस तथा छात्रों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन छात्रों को ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी उत्तर पुस्तिका का विश्वसनीय मूल्यांकन नही हो पाया है, वह इस निःशुल्क सैंपलिंग मूल्यांकन हेतु प्रार्थना पत्र शनिवार दिनंाक 23.06.2018 तक परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
उक्त के संदर्भ में यह भी अवगत कराना है कि विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उददेश्य से ‘‘चैलेन्ज इवैल्यूवेशन’’ (मूल्यांकन को चुनौती) की व्यवस्था 06 माह पूर्व से ही लागू की जा चुकी है। इस सुविधा के अंतर्गत विश्वविद्यालय वेबसाइट के माध्यम से रु0 300/- आनलाइन जमा करते हुए छात्र अपनी मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटो प्रति प्राप्त कर सकते हैं। तदोपरांत जब वह अपने स्तर से सुनिश्चित कर लें कि उनकी उत्तर पुस्तिका गलत मूल्यांकित हुई है तो पुनः विश्वविद्यालय वेबसाइट के माध्यम से रु0 3000/- जमा करते हुए मूल्यांकन को चुनौती दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में छात्र की उत्तर पुस्तिका को पृृथक-पृृथक 03 परीक्षकों से मूल्यांकित कराया जाता है तथा तीनों मूल्यांकन में प्राप्त अंको का औसत छात्र को प्रदान किया जाता है। चुनौती की इस प्रक्रिया में यदि छात्र की चुनौती सही सिद्व होती है तो छात्र द्वारा जमा कराई गई धनराशि वापस करते हुए संबंधित शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ-साथ भविष्य में मूल्यांकन से वंचित भी किया जा सकता है।