अयोध्या। प्रदेश के 50 जिला सहकारी बैंक प्रदेश सरकार की नीतियों के अन्तर्गत वित्तपोषण का एकमात्र बैंकिंग वित्तीय संसाधन है। प्रदेश के सहकारी विभाग के गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली के अन्तर्गत इन बैंकों में बैंकिंग के मूलभूत सिद्धान्तों की अवहेलना की जाती है जिससे ये बैंक वित्तीय संकट में आ जाते है। विगत में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार ने 16 बैंकों को वर्ष 2016 में वित्तीय सहायता प्रदान की है, लेकिन सहकारी विभाग, के कारण उस सहायता का लाभ इन बैंकों को सुचारू रूप से नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के अधिकांश बैंको में वित्तीय दुरूपयोग/गबन/अनियमितताओं के ठोस प्रमाणों पर भी कार्यवाही न होने के कारण वित्तीय रूप से सुदृढ़ बैंक भी वित्तीय संकट में फंस गये है। यूनियन की मांग रही है कि समस्त जिला सहकारी बैंकों को उ0प्र0 कोआॅपरेटिव बैंकों में विलयनीकरण करने से कई समस्याओं का निदान स्वतः हो जायेगा। विलयनीकरण के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा गठित कमेटी के समक्ष यूनियन ने अपने सुझाव प्रस्तुत किये है, लेकिन विलयनीकरण पर अत्यन्त शिथिल कार्यवाही हो रही है। मांगों पर कार्यवाही न होने से यूनियन ने 21 अगस्त से प्रदेश व्यापी आन्दोलन प्रारम्भ किया है।
उक्त के क्रम में गुरूवार को को-आपरेटिव बैंक इम्प्लाॅइज यूनियन जनपद- अयोध्या/अम्बेडकरनगर के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह की अध्यक्षता में आन्दोलन आरम्भ किया गया है। इस आन्दोलन/प्रदर्शन में जनपद यूनिट के संरक्षक सन्नू लाल ,यूनिट मंत्री अरविन्द कुमार, उपाध्यक्ष राम कुवंर सिंह, दिनेश सिंह, कोषाध्यक्ष आलोक कुमार पाठक एवं संगठन के अन्य पदाधिकारीगण अरविन्द चैरसिया, के0पी0मिश्रा, राजकुमार गुप्ता, सुशील कुमार सिंह, बुद्धसेन, राज नारायन दीक्षित, ओम प्रकाश चैरसिया, जितेन्द्र प्रताप सिंह,श्री शिशिर कुमार श्रीवास्तव, राजेश कुमार दूबे, आशीष कुमार, रितेश रंजन, चित्रांशु सिंह, विवेके कुमार, बृजेश कुमार सिंह, शिवचरण पाठक, विनोद प्रसाद, मसूद अहमद, श्रीमती लालपति, अंकित सिंह, अमर सिंह यादव, विशाल श्रीवास्तव, आशुतोष श्रीवास्तव, आदि ने जिला सहकारी बैंक लि0,फैजाबाद मुख्यालय पर अपनी मांगों के सर्मथन में शान्तिपूर्वक प्रदर्शन किया गया।
को-आपरेटिव बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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