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पैसीव स्मोकिंग से बीमार हो रहे बच्चे

सेवन कैंसर का प्रमुख कारण, किशोरों में बढ़ रहा ध्रूमपान का सेवन

अयोध्या। तम्बाकू नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे है इसकी रोकथाम के लिए कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी नशा मुक्त हो। तम्बाकू सेवन कैंसर का प्रमुख कारण है यह कहना है जिला नोडल अधिकारी डॉ. अजय मोहन का ।
जिला तम्बाकू नोडल अधिकारी डॉ. अजय मोहन ने बताया कि टोबैको इंटरनेशनल इनीसीएटिव द्वारा प्रस्तुत किए आँकड़ों के अनुसार देश भर में लगभग27.5 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं जिसके कारण लगभग 9 लाख लोग प्रतिवर्ष कैंसर से ग्रसित होते हैं। उन्होने बताया कि किशोरों में तम्बाकू सेवन करने की प्रवृति का बीते कुछ सालों में काफी वृद्धि हुयी है। उन्होने तम्बाकू सेवन से होने वाली समस्याओं के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि तम्बाकू सेवन कैंसर का प्रमुख कारण है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, दाँतों की समस्या एवं साँस संबंधित जैसे विभिन्न रोग भी तम्बाकू सेवन से ही होते हैं। उन्होने बताया कि तम्बाकू सेवन से फेफड़े एवं मुँह के कैंसर की होने की संभावनाएं बहुत अधिक हो जाती है। इसके अलावा गर्भवती महिला द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार का नशा गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है जिसके कारण बच्चे की गर्भ में मौत या गंभीर फेफड़ों की बीमारी हो सकती है।
डॉ॰ मोहन ने पैसीव स्मोकिंग के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि सक्रीय ध्रूमपान की ही तरह निष्क्रिय ध्रूमपान भी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। उन्होने बताया कि ध्रूमपान करने से फैलने वाले धुएं की चपेट में आने से भी खून का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, आँतों का कैंसर एवं साईनस कैंसर हो सकता है। उन्होने बताया कि 13 से 15 वर्ष के 22 प्रतिशत बच्चे घर में होने वाले ध्रूमपान के धुएँ से एवं 13 से 15 वर्ष के 37 प्रतिशत बच्चे सार्वजनिक स्थानों पर फ़ैलने वाले धुओं से प्रभावित एवं बीमार हो रहे हैं।
जिला तम्बाकू नोडल अधिकारी डॉ. अजय मोहन ने बताया कि सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों के व्यापार, विज्ञापन, वाणिज्य उत्पादन एवं वितरण संबंधित कानूनी अधिनियमों के बारे में वृस्तृत से जानकारी दी। उन्होने बताया कि इसके संबंध में मुख्य रूप से चार धाराएँ लगाई गयी हैं। धारा -4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर ध्रूमपाण अपराध,धारा-5 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर रोक, धारा-6 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तम्बाकू उत्पाद बेचना अपराध एवं धारा- 7के अंतर्गत बिना चित्रित एवं वैधानिक चेतावनी को तम्बाकू उत्पाद के पैकेट बेचना अपराध है। किसी भी परिस्थिति में धारा-4, धारा-5 एवं धारा-6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपए का जुर्माना एवं धारा- 7 का उल्लंघन करने पर 1000 से 10000 रुपए का जुर्माना या कारावास हो सकता है।

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