-राम मंदिर ट्रस्ट ने जन्मभूमि पथ पर खोला हेल्प डेस्क
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, रामनवमी के उत्सव में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंच चुके हैं। मठ मंदिरों में चारों ओर आस्था, श्रद्धा, भक्ति भाव से ढोल नगाड़ों के बीच भक्त झूम रहे हैं। गुरुवार को दोपहर 12 बजते ही रामलला मंदिर, कनक भवन समेत अयोध्या के आठ हजार से भी अधिक मंदिरों में उत्सव शुरू हो जाएगा। मंदिरों को आकर्षक फूलों से सजाया गया है।
रामनवमी पर श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए 30 और 31 मार्च को दर्शन अवधि में एक घंटे की बढ़ोतरी की गई है। पहले जन्मभूमि परिसर में प्रवेश के लिए पहली पाली में 7 बजे से 11.30 बजे तक का समय रखा गया था। अब सुबह 6.30 बजे और शाम को आधे घंटे और शाम 7ः30 बजे तक श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जन्मभूमि पथ मार्ग को भी खोल दिया है। इस रास्ते से भक्त रामलला और कनक भवन जाकर दर्शन प्राप्त कर सकेंगे।
रामलला पीले वस्त्र में दर्शन देंगे। परिसर के अस्थाई मंदिर में इस वर्ष अंतिम श्री राम जन्मोत्सव संपन्न हो रहा है। अगले वर्ष रामलला अपने दिव्य और भव्य मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होंगे। अस्थाई मंदिर में कलश स्थापना के साथ नव दिवसीय अनुष्ठान चल रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि दोपहर 12 बजते ही वैदिक मंत्रोच्चारण और सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार रामलला की विशेष आरती और पूजन होगा। रामलला का दर्शन करने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जन्मभूमि पथ मार्ग को खोल दिया है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि निर्माणाधीन राम जन्मभूमि संपर्क मार्ग से भी तीर्थ यात्रियों को जाने की सुविधा प्रदान की गई है।
यात्रियों की सुविधा के लिए जन्मभूमि पथ मार्ग पर ट्रस्ट द्वारा हेल्प डेस्क बनाया गया है। श्रद्धालुओं के विश्राम की भी व्यवस्था बनाई गई है। अस्थाई मंदिर में रामलला को विशेष भोग प्रसाद की व्यवस्था की गई है। ट्रस्ट के अनुसार एक लाख भक्तों को जन्मोत्सव का प्रसाद मिल सकेगा। इसके लिए 3 प्रकार की 12 क्विंटल पंजीरी, जिसमें रामदाना, सिंघाड़े आटे और धनिया शामिल होगी। सूखा मेवा, 50 लीटर पंचामृत, 5 प्रकार के फल, पेड़ा और रबड़ी का भोग लगाया जाएगा।
राम जन्मोत्सव को लेकर कनक भवन, दशरथ महल, हनुमानगढ़ी, मणिराम दास छावनी, श्रीराम वल्लभाकुंज, राम हर्षण कुंज, जानकी महल, सद्गुरु सेवा सदन मंदिर, लक्ष्मण किला, झुनकी घाट मंदिर सहित सैकड़ों मंदिरों में भी सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। जन्मोत्सव के दौरान इन मंदिरों में भी पहुंच रहे श्रद्धालु उत्सव मना रहे हैं। विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों के साथ बधाई गायन हो रहा है।