भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा का अभिनव प्रयोग सरस्वती शिशु मन्दिर : कौशल
अयोध्या। 1952 में गोरखपुर से प्रारम्भ हुए सरस्वती शिशु मन्दिर आज देश में नहीं अपितु विदेशों में भी विशाला वट वृक्ष के रूप में स्थापित हुआ है। आज के समय में यह संख्या साथ होकर एक समग्र शिक्षा योजना के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान विश्व का सबसे बड़ा शैक्षिक संगठन होने का गौरव प्राप्त है जो गैर सरकार है। उक्त विचार रामनगर में आयोजित सरस्व्ती शिशु मन्दिर के वार्षिकोत्सव समारोह में अवध प्रान्त प्रचारक श्री कौशल ने व्यक्त किये।
समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती भारत माता के चित्र में समने दीप प्रज्वलित कर अतिथियों ने किया। कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व विद्यालय के बच्चों ने घोष (बैंड) के साथ अतिथियों को गार्ड आफ ऑनर दिया और मंच तक ले गए। अतिथियों का स्वागत व श्रीफल एवं अंग वस्त्र देकर किया गया। विद्यालय के बच्चों द्वारा वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर बतौर संरक्षक महापौर ऋषिकेश उपाध्याय , नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमिता सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में मंत्री भारतीय शिक्षा समिति अवध प्रांत के हरेंद्र श्रीवास्तव उपस्थित थे। विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजेश नारायण सिंह द्वारा विद्यालय के समस्त गतिविधियों एवं अतिथियों का परिचय कराया गया। नन्हे मुन्ने भैया बहनों द्वारा चंदा मामा, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा, अंग्रेजी गीत ,शिव गौरा गीत प्रस्तुत किया गया। जिसे दर्शकों ने काफी सराहा नाटक प्रश्न महापुरुषों की झलकियां ,होली नृत्य ,महाराज देशभक्ति से ओतप्रोत नाटक क्रांति दूत भैया बहनों के द्वारा मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया गया। प्रधानमंत्री के नारी सशक्तिकरण अभिमान पर आधारित नृत्य सुनो सुनो का मंचन किया गया जिसे दर्शकों ने मनोरंजन के साथ देखा एवं स्वच्छ भारत के लिए शपथ किया। कार्यक्रम के मध्य में भैया बहनों द्वारा हास्य व्यंग से ओतप्रोत चुटकुले अभिभावकों का 1 मिनट शो प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम में उपस्थित संरक्षक अध्यक्ष, मुख्य अतिथि ,मुख्य वक्ता तथा विशिष्ट अतिथियों के द्वारा उद्बोधन के द्वारा भैया बहनों का उत्साह वर्धन किया गया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक नरेंद्र क्षेत्रपाल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों अभिभावकों माताओं बहनों एवं समस्त उपस्थित आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया । समारोह का समापन राष्ट्रीय गीत के साथ हुआ।