फैजाबाद। पासी विकास एसोसिएशन के तत्वावधान में महाराजा सातन पासी के 868वें जन्मदिवस पर कोशलपुरी में समारोह का आयोजन हुआ। समारोह का आरम्भ महाराज सातन पासी के चित्र पर माल्र्यापण के साथ हुआ।
समारोह को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि डाॅ0 सी0बी0 भारती, सेवानिवृत्त उप निदेशक सेवायोजन, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने कहा कि महाराजा सातन पासी की गौरवगाथायें हमें अपने अस्मिता, अस्तित्व, आत्मसम्मान, स्वाभिमान व गौरवशाली इतिहासबोध से जोड़ती हैं। इस अनुभूति से हमारा मस्तक गर्व से ऊँचा हो उठता है कि हमारे समाज में महाराजा सातन पासी जैसे प्रजावत्सल शासक पैदा हुये जिन्होंने शोषित समाज के मनोबल, अधिकारचेतना, संघर्षचेतना व आत्मसम्मान को नई ऊँचाइयां प्रदान की, भागीदारी व विकास के अवसर प्रदान किये। सामाजिक सद्भाव, सामाजिक एकता, सौहार्द व जनकल्याण के स्वर्णिम ऐतिहासिक नये कीर्तिमान स्थापित किये। महाराजा सातन पासी के किले उनकी वीरता, साहस, निडरता व संघर्ष की कहानी अपने ध्वंसावशेषों में संजोये हुये है। महाराजा सातन पासी ने अशोक महान की ही तरह लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना कर यह प्रमाणित किया था कि सत्ता व शासन प्रशासन किसी समुदाय विशेष की जागीर नहीं। संजय पासवान ने कहा कि महाराजा सातन पासी के वीरतापूर्ण इतिहास से दलित समाज को भेदभाव, उपेक्षा व शोषण से मनों में घर कर गये भय व हीनताबोधों से मुक्त होने की ऊर्जा मिलती है। विजय बहादुर ने कहा कि महाराजा सातन पासी की शौर्यगाथायें हमें प्रेरणा देती रहेगीं, हमारा मनोबल बढ़ाती रहेंगी। अध्यक्षता करते हुये राम अवध, सेवानिवृत्त, वरिष्ठ मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक, उ0रे0, ने कहा कि दलित समाज के मान सम्मान, स्वाभिमान व गौरव के प्रतिमान महाराजा सातन पासी दलितों, शोषितों व वंचितों के रहनुमा थे। इस अवसर पर श्री रामदेव, अशोक कुमार, वासुदेव, हरिद्वार, अरुण कुमार व शनी आदि ने भी विचार व्यक्त किये।