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बृजेश सिंह उर्फ बिरजन हत्याकाण्ड का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

वारदात में इस्तेमाल तीन लाठी डंडा, पांच मोबाइल व एक तमंचा मय दो जिंदा कारतूस बरामद

अयोध्या। हिस्ट्रीशीटर बृजेश सिंह उर्फ बिरजन हत्याकाण्ड का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए साजिशकर्ता सहित पांच हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किये गये लोगों के पास से हत्या में प्रयुक्त तीन लाठी डण्डा, पांच मोबाइल फोन, 315 बोर का एक तमंचा मय दो जिंदा कारतूस भी पुलिस ने बरामद किया है।
हत्याकाण्ड का खुलासा पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि मवई थाना क्षेत्र में 10/11 अप्रैल की रात्रि ग्राम बघेड़ी तालगांव मोड के समीप बृजेश सिंह उर्फ बिरजन की नृशन्स हत्या कर दी गयी थी। आईपीसी की धारा 302/307 के तहत मवई थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें चार लोगों को नामजद किया गया था। नामजद अभियुक्तों में से तीन को पुलिस ने 11 अप्रैल की रात्रि में ही गिरफ्तार कर लिया था। शेष लोगों को बाद में पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि घटना के अनावरण और गिरफ्तारी के क्रम में 12 अप्रैल को संयुक्त टीम द्वारा कुशहरी जंगल से वासुदेव पुत्र सुन्दरलाल कोरी निवासी ग्राम बघेड़ी, उमेश कुमार लोधी पुत्र परमेशू लोधी निवासी ग्राम कछिया द्वारिका पुत्र राम किशुन निवासी ग्राम रजनपुर और प्रवीण यादव पुत्र रामफेर यादव निवासी ग्राम संडवा को गिरफ्तार किया गया। मौके पर वासुदेव के पास से 315 बोर का एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूस भी बरामद हुए। अभियुक्त की निशानदेही पर आला कत्ल तीन लाठी डण्डा और तीन मोबाइल फोन बरामद किया गया।
उन्होंने बताया कि पूंछतांछ के बाद पता चला कि घटना को अंजाम देने वाले मुख्य षडयंत्रकर्ता तेज तिवारी निवासी ग्राम शोरपुर है। उसे भी दो मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि बघेड़ी गांव में ही एक दुर्गापूजा स्थल है जो जमीन स्व. बुधिराम ठाकुर निवासी ग्राम बघेड़ी द्वारा दुर्गापूजा के लिए दान की गयी थी इसी जमीन को बिरजन सिंह द्वारा कब्जा और बेंचे जाने के कारण तेज तिवारी के नेतृत्व में गांव वालों के साथ करीब दो साल पहले विरोध किया गया था उसी समय से तेज तिवारी और बिरजन सिंह के बींच दुश्मनी चल रही थी। यह भी पता चला कि इस विवाद से पहले वासुदेव, उमेश, द्वारिका व प्रवीण आदि बिरजन सिंह के साथ रहते थे परन्तु बाद में यह लोग तेज तिवारी के साथ रहने लगे जिसका बिरजन विरोध करता था। द्वारिका और उमेश से पैंसो के लेनदेन को लेकर बिरजन सिंह का विवाद था इसी वजह से तेज तिवारी ने षडयंत्र रचकर इन लोगों के द्वारा बिरजन सिंह को मौत के घाट उतरवा दिया। अभियुक्तों ने यह भी बताया कि उन्हें पता था कि बिरजन सिंह रात्रि में इसी रास्ते से आता-जाता है कई दिनों से रैंकी की जा रही थी। 10/11 अप्रैल को गाडाबंदी करके बिरजन को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने बताया कि वासुदेव के विरूद्ध मवई थाना में आईपीसी की धारा 302, 307, 120 बी व आम्र्स एक्ट की धारा 3/25, उमेश के विरूद्ध मवई थाना में आईपीसी की धारा 302, 307 व 120 बी, द्वारिका के विरूद्ध मवई थाना में आईपीसी की धारा 302, 307, 120 बी, आम्र्स एक्ट में तीन मुकदमें, गुण्डा एक्ट में एक मुकदमा तथा रूदौली थाना में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 302, 201 व यूपी गैंगेस्टर एक्ट 3(1) के दो मुकदमें पंजीकृत हैं। इसी भांति प्रवीण के विरूद्ध मवई थाना में आईपीसी की धारा 302, 307 व 120 बी तथा तेज तिवारी के विरूद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 120 बी के मुकदमे पंजीकृत हैं। हत्याकाण्ड का खुलासा करने वाले पुलिस दल में थाना मवई के प्रधान निरीक्षक विनोद यादव, थाना रूदौली के प्रधान निरीक्षक विश्वनाथ यादव, महराजगंज थाना के थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, प्रभारी स्वाट/ सर्विलांस सेल के उप निरीक्षक अभिषेक सिंह, तथा उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक कन्हैया कुमार यादव, हेड कास्टेबल बलवंत सिंह, आरक्षीगण अजय कुमार सिंह, संजय यादव, कृष्ण कुमार सिंह, राजेश यादव, मुकेश यादव, विनय राय, प्रियेश तिवारी, नीरज सिंह, मनीष कुमार, व चालक आरक्षी विजेन्द्र कुमार शामिल थे। एसएसपी ने हत्याकाण्ड का खुलासा करने वाले पुलिस दल को 25 हजार रूपये का इनाम देने की भी घोषणा किया।

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