-लिखित आश्वासन के बाद ही माने प्रशासन की बात
सोहावल।नगर पंचायत के पुराने कार्यालय पर कब्जा जमाए बैठे एक बाबू को बेदखल कराने को लेकर भाकियू ने तहसील गेट पर पर जाम लगा कर नारे बाजी किया। सोमवार की शाम तक चले किसान यूनियन के इस आंदोलन के चलते तहसीलदार कार्यालय तक अफरातफरी का माहौल रहा। शाम को को आरोपी बाबू द्वारा एक सप्ताह में कार्यालय खाली करने का लिखित निवेदन देने के बाद यूनियन के कार्यकर्ताओं का आंदोलन समाप्त हुआ।
पिछले तीन माह से प्रशासन के लिए सिरदर्द बना नगर पंचायत खिरौनी का मुख्य लिपिक कुलदीप पांडेय को लेकर जिला अधिकारी तक शिकायत हुई। तहसील दिवस पर डी एम ने इसके द्वारा कब्जा कर अपना आवास बनाये जाने को लेकर तहसीलदार को कड़ी फटकार लगाई और पुराना कार्यालय खाली करा साल्हेपुर निमैचा की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान खुलवाने का निर्देश दिया लेकिन आदेश को दर किनार कर दिया गया एक बाबू सब पर भारी पड़ने लगा। इसे मुद्दा बना कर जब भाकियू के फरीद अहमद, अरविंद यादव, अजय यादव, सबिता मौर्य आसमा बेगम आदि पचासों कार्यकर्ताओं ने आंदोलन करते हुए तहसील का गेट तक रोक दिया।
तब तहसीलदार को डी एम के आदेश की याद आई और बाबू को तलब किया। इसके द्वारा लिखित निवेदन एक सप्ताह में भवन खाली करने का देने के बाद यूनियन के कार्यकर्ता माने। तहसीलदार सोहावल विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि नगर पंचायत के आरोपी बाबू ने अपना कब्जा एक सप्ताह में हटा कर भवन खाली करने का लिखित आश्वासन दिया है। भाकियू का आंदोलन समाप्त करा दिया गया है।