Breaking News

दिल के लिए लाभकारी कड़कनाथ मुर्गा : डा. रविंद्र कुमार

कुमारगंज। दिल के मरीजों के लिए लाभकारी कड़कनाथ मुर्गा। उक्त जानकारी देते हुए नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ रबीन्द्र कुमार ने एक भेंट वार्ता में दिया । उन्होंने बताया कि कड़कनाथ मुर्गियां लगभग 28 सप्ताह के बाद अंडे देना शुरू कर देती है और आगे के 60 सप्ताह में 80 से 120 अंडे देती है इन मुर्गियों के अंडों को बाजार में 40 से 50 रूपए प्रति पीस के हिसाब से बेचा जाता हैं। कड़कनाथ मुर्गा के मीट में फास्फोरस की मात्रा अन्य उपलब्ध मीट से अधिक होती है।इनके मीट में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होने के कारण दिल से संबंधित मरीजों के लिए काफी लाभकारी होता है। इनका पालन कम से कम लागत में किया जा सकता है। कड़कनाथ मुर्गो का मीट अधिक गुणवत्ता युक्त होने के कारण बाजारों में अधिक मांग होती है इनके मीट की बिक्री 900 से 1000 रूपए प्रति किलोग्राम होती है।
कड़कनाथ मुर्गा काले रंग का होता है और काफी ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता भी रखता है इसीलिए यह आसानी से आम के पेड़ों पर भी रहते है और आम के पेड़ पर लगने वाले कीटों पतंगों को भी खा लेता है जिससे कीटनाशक छिड़काव की जरूरत नही पड़ती। कड़कनाथ मुर्गे के मीट में विटामिन कैल्शियम आयरन ज्यादा होता है एनीमिया दूर कर हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है इन मुर्गो में पोषक तत्वों में प्रोटीन 25. 27 फैट 1.03 कॉलेस्ट्रॉल 184.75 लिनोलिक एसिड 24 फीसदी पाया जाता है।
किसान इन मुर्गों को बैकयार्ड फार्मिंग के रूप में भी कड़कनाथ मुर्गों का पालन करके जीरो लागत पर अपनी आय दोगुना कर सकते हैं इन मुर्गों के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश काफी अनुकूल माना जाता है। विश्वविद्यालय के कुलपति जे एस संधू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित हैदरगढ़, आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्रों पर कड़कनाथ मुर्गा को पाला गया है धीरे-धीरे सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर इनका पालन किया जाएगा तथा किसानों को इनके बारे में बताते हुए पालन करने को भी कहा जाएगा।
इतना ही नहीं इन मुर्गों का फार्मिंग उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद के पूरा बाजार ब्लाक के पुरखेपुर गांव मे डॉक्टर रबीन्द्र कुमार जो नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है उन्हीं की देखरेख में कड़कनाथ का फार्मिंग हो रहा है द्य इसी क्रम में श्री रबींद्र ने बताया कि प्रति मुर्गे को 25 स्क्वायर फ़ीट जमीन पर बिना दाने के भी पाला जा सकता है, ये जमीन पर उगे घास एवं कीटों से अपना आहार प्राप्त कर लेते है।

इसे भी पढ़े  दिल्ली के चिकित्सकों ने लगाई रोबोटिक सर्जरी की पाठशाला

Leave your vote

About Next Khabar Team

Check Also

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विरोध में सपाईयों ने किया प्रदर्शन

-संसद में डॉ आंबेडकर के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी भाजपा की मानसिकता को दर्शाती …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.