-पुलिस महानिदेशक ने रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा
अयोध्या। सूबे के पुलिस महानिदेशक राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि अगले साल से निर्माणाधीन राम मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलने की उम्मीद है। जिसके बाद श्रद्धालुओं के आगमन में स्वाभाविक बढ़ोत्तरी होगी। पुलिस विभाग मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के साथ मंदिर परिसर की सुरक्षा और व्यवस्था को पुनरीक्षित करने में जुटा है, विभाग की कोशिश है कि सुरक्षा में ज्यादा से ज्यादा अत्याधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल किया जाए और पुलिस बल कम से कम लगाया जाए। इसके लिए 70 करोड़ की लागत से आधुनिक सुरक्षा उपकरण खरीदे जाएंगे। साथ ही श्रद्धालु व पर्यटकों के साथ उत्तम व्यवहार तथा स्पष्ट संवाद के लिए कर्मियों को सभ्य आचरण व विभिन्न भाषाओं का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। वहीं साइन बोर्ड आदि भी भिन्न-भिन्न भाषाओं में लगवाए जाएंगे।
पुलिस महानिदेशक शनिवार को मंडलीय अपराध समीक्षा के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल रेड, यलो, ब्लू व ग्रीन के तहत चार जोन की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए आधुनिक वॉच टावर, बूम बैरियर, आधुनिक ड्रोन, बुलेटप्रूफ सीसीटीवी कैमरे, सरयू क्षेत्र की निगरानी के लिए रिवर साइड ट्रॉली स्थापित कराए जाएंगे।
रामजन्मभूमि दर्शन के लिए पार्किंग, ट्रैफिक, प्रवेश से लेकर स्कैनिंग, फैसिलिटेशन से निकास तक अच्छी से अच्छी सुविधा देने की कोशिश होगी। आगामी 10 वर्षों में श्रद्धालुओं की तादात 50 गुना बढ़ने की उम्मीद है, जिसके सापेक्ष इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बीते वर्षों से समय-समय पर सुरक्षा और व्यवस्था की समीक्षा होती रहती है। हमारी कोशिश है कि बच्चे, बूढ़े व विकलांग सभी को सहूलियत के साथ दर्शन मिले। हनुमानगढ़ी दर्शन में व्यवहारिक दिक्कतों के सवाल में उन्होंने कहा कि प्रवेश से निकास तक की व्यवस्था चैनलाइज्ड होगी। चिकने हो चुके पत्थरों और स्लोप को ठीक कराया जाएगा। महाराष्ट्र सीएम के दौरे पर सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि पहले से तय प्रोटोकॉल के मुताबिक हर वीआईपी-वीवीआईपी को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है।
समीक्षा में सभी जिलों की कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण ठीक मिला है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि सभी को माफियों व अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ सजा दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी का निर्देश दिया गया है। एडीजी लखनऊ जोन पीयूष मोर्डिया ने कहा कि पर्यटन थाना और चौकी का प्रस्ताव विचाराधीन है।