उच्च न्यायालय न्यायालय के निर्देशों की उड़ाई गयी धज्जियां, समाजिक कार्यकर्ता बृजेन्द्र दूबे जायेंगे सुप्रीम कोर्ट
अयोध्या। शहर के जीआईसी खेल मैदान पर आयोजित किया गया अयोध्या महोत्सव सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आड़ में एक व्यवसायिक आयोजन है। यह कार्यक्रम उच्च न्यायालय के निर्देशों की धज्जियां उड़ा कर आयोजित किया गया है। आयोजन को लेकर 4 सदस्यो की जांच के बाद ठंडे बस्ते में पड़ी प्रशासनिक कार्यवाही और आयोजन का अनवरत संचालन आयोजन समिति तथा जिला प्रशासन की सांठगांठ का स्पष्ट संकेत है। इसे लेकर अवमानना मामले में अब उच्च न्यायालय की शरण ली जाएगी। गुरुवार को यह जानकारी जीआईसी मैदान में उच्च न्यायालय के एक आदेश के क्रम में अयोध्या महोत्सव के आयोजन पर रोक लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय गए स्काउट गाइड काउंसलर व सामाजिक कार्यकर्ता बृजेंद्र दुबे ने पत्रकार वार्ता में दी।
श्री दुबे ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज बस्ती के खेल मैदान में व्यवसायिक गतिविधि तथा मेला आदि के संचालन पर रोक के संबंध में उच्च न्यायालय लखनऊ द्वारा वर्ष 2015 में रोक लगाने के संबंध में एक आदेश पारित किया गया था। जनपद अयोध्या के जीआईसी विद्यालय के खेल मैदान में अयोध्या महोत्सव के आयोजन पर रोक लगाए जाने को लेकर इसी आदेश के क्रम में जिला प्रशासन से प्रार्थना की गई थी तथा जिला प्रशासन द्वारा रोक न लगाने पर उच्च न्यायालय लखनऊ में एक याचिका योजित की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा 27 सितम्बर 2018 को जिलाधिकारी अयोध्या को प्रकरण देखने का निर्देश दिया गया था। इस निर्देश की प्रति 27 दिसम्बर 2018 को प्रार्थना पत्र के माध्यम से प्रभारी जिलाधिकारी को जनता दरबार में प्राप्त करा दी गई थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता को उपलब्ध उपलब्ध कराए गए प्रपत्रो के अनुसार इस निर्देश के प्राप्त होने के बाद जिलाधिकारी द्वारा चार सदस्यो की एक कमेटी गठित की गई जिसमें नगर मजिस्ट्रेट, जिला विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा वाणिज्य कर उपायुक्त शामिल थे का गठन किया गया था। कमेटी द्वारा मौके पर जाकर जांच की गई तथा 27 दिसम्बर को ही बिंदुवार आख्या जिलाधिकारी को दे दी गई। जांच रिपोर्ट में उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित विभिन्न आदेशों एवं प्रश्नगत रिट याचिका में पारित आदेश 26 दिसम्बर 2018 तथा इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत विभिन्न शासनादेश एवं निर्देशों के आलोक में वर्तमान प्रकरण के संदर्भ में, जिला प्रशासन एवं प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज अयोध्या द्वारा जिन शर्तों /प्रतिबंधों के साथ अनुमति प्रदान की गई है उनके पालन की स्थिति, राजकीय इंटर कॉलेज अयोध्या में अयोध्या महोत्सव के आयोजन से सामान्य शैक्षणिक एवं खेलकूद की गतिविधियों पर पड़ने वाला प्रभाव, अयोध्या महोत्सव की जो गतिविधियां है वे सांस्कृतिक गतिविधियां ही है अथवा इसके अतिरिक्त अन्य कोई गतिविधियां है, अयोध्या महोत्सव में जो दुकाने दी गई हैं उनका कोई वाणिज्य कर अथवा व्यवसायीकरण तो नहीं हो रहा है, तथा इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों एवं शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन हो रहा है अथवा नहीं बिंदु पर जांच कर अपनी रिपोर्ट दी गई हैं। उक्त सभी बिंदुओं पर कमेटी द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है वह महोत्सव के आयोजन का नियम संगत ना होना सिद्ध करती है।