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खो-खो प्रतियोगिता में अवध विवि को मिली खिताबी जीत

नार्थ जोन अन्तर विश्वविद्यालयीय पुरूष खो-खो प्रतियोगिता का हुआ समापन

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के नवीन परिसर के खेल प्रागंण में 22 नवम्बर से 26 नवम्बर तक चलने वाली नार्थ जोन अन्तर विश्वविद्यालयीय पुरूष खो-खो प्रतियोगिता का समापन सोमवार को भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि नगर आयुक्त, नगर निगम अयोध्या के आर.एस. गुप्ता एवं विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी, अयोध्या के आर.पी. सिंह एवं ए.आ.ई.यू के ऑब्जर्वर एस.एन.सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि नगर आयुक्त, नगर निगम अयोध्या के आर.एस. गुप्ता ने कहा कि खिलाड़ी वहीं होता है जो गिरकर उठना जानता है। वह हमेशा जीतने के ध्येय से खेलता है और जुनुन की हद तक चला जाता है। समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि एक खिलाड़ी को टीम की भावना के साथ मैच जीतने की कोशिश करनी चाहिए। आप सभी इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करके इतिहास रचा है। नार्थ जोन अन्तर विश्वविद्यालयीय पुरूष खो-खो प्रतियोगिता में अंतिम दिन सभी चार ऑल इंडिया क्वालिफाई टीमों के बीच मैच खेले गये। इसमें अवध विश्वविद्यालय अयोध्या की टीम ने नार्थ जोन पुरूष खो-खो प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान दर्ज किया। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला को दूसरा स्थान एवं तीसरा स्थान पंजाब विश्वविद्यालय चडीगढ़ को एवं चौथे स्थान गुरूनानक देव विश्वविद्यालय रहा। कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने व्यक्तिगत तौर विजयी टीम को 51 सौ रूपयें देकर पुरस्कृत किया।
विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी, अयोध्या के आर.पी. सिंह ने खिलाड़ियों से कहा कि आज आप उपविजेता है तो कल आपका यह जुनुन विजता बनायेंगे। आने वाले समय में यह स्टेडियम अन्य खेलों के लिए उपयोगी रहेगा। ए.आ.ई.यू के ऑब्जर्वर एस.एन. सिंह ने इस प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने के लिए पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह खेल चोटिल खेल है लेकिन मुझे खुशी है कि इस प्रतियोगिता में कुलपति जी के दिशा-निर्देशन में यह प्रांगण बनाया गया है। जिसमें एक भी खिलाड़ी चोटिल नहीं है। उन्होंने कहा कि यह खेल शीघ्र ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनायेंगे। क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष प्रो0 आर.के. तिवारी ने कहा कि खेल में हारना और जीतना महत्वपूर्ण नहीं होता है बल्कि खेल को खेल की भावना से खेला जाना चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर आयोजन सचिव डॉ संतोष गौड़, आयोजन संयोजक डॉ मुकेश कुमार वर्मा एवं डॉ प्रतिभा त्रिपाठी ने स्वागत किया। निर्णायकां की भूमिका में राजेश कुमार वर्मा, सरवरे आलम, संतोष सिंह, योगेश्वर सैनी, विनोद कुमार, राजेंद्र प्रताप सिंह, अरविंद यादव, नवनीत वर्मा, ओम शिव तिवारी, नवीन वर्मा, मनजीत, रंजीत, बृजेश कुमार यादव, अमित मिश्रा एवं राम बहादुर पाल रहे। मंच संचालन डॉ अर्जुन सिंह ने किया। इस मौके पर प्रो. एम.पी. सिंह, प्रो. हिमांशु शेखर सिंह, प्रा.े एस. के. रायजादा, प्रो. के.के. वर्मा, कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, प्रो. रमापति मिश्र, डॉ. शैलेन्द्र वर्मा, डॉ. कपिल राणा, डॉ. पूनम जोशी, डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ. श्रीश अस्थाना, डॉ. त्रिलोकी यादव, डॉ. अनुराग पाण्डेय, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. सघर्ष सिंह, मोहिनी पाण्डेय, डॉ. योगेश्वर सिंह, कर्मचारी संध के अध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह, आशीष मिश्र, के.के. मिश्र, मनोज सिंह, मनोज श्रीवास सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।

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