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गोद लिये गये 68 राजस्व गांवो के सापेक्ष 51 कुपोषण मुक्त: अक्षय त्रिपाठी

मुख्य विकास अधिकारी ने की जिला पोषण समिति की बैठक

फैजाबाद। मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पोषण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुये कुपोषण मुक्त गांव बनाने हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा गोद लिये गये राजस्व गांव के भ्रमण, कुपोषण मुक्त गांव सक्रिय संकल्प अभियान के अन्तर्गत 0 से 3 वर्ष के कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की फीडिंग, अन्टाइड फण्ड से बेबी वनज मशीन क्रय सम्बन्धी, पोषण पुर्नवास केन्द्र, विश्व स्तनपान, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति तथा भारत सरकार द्वारा संचालित पोषण अभियान के क्रियान्वयन किये जाने सम्बन्धी विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक के दौरान सम्बन्धित अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा गोद लिये गये 68 राजस्व गांवो के सापेक्ष अबतक 51 राजस्व गांव कुपोषण मुक्त कर दिये गये है तथा शेष 17 गांव अवशेष है जिसे कुपोषण मुक्त बनाये जाने हेतु आशा, एएनएम तथा आगंनबाड़ी के सहयोग से उपचार कराकर कुपोषण मुक्त कराया जा रहा है। शबरी संकल्प अभियान के अन्तर्गत 0 से 3 वर्ष के वजन दिवस में चिन्हित 22863 कुपोषित बच्चों के सापेक्ष 20074 कुपोषित (पीली) श्रेणी एवं चिन्हित 8092 अतिकुपोषित बच्चों के सापेक्ष 81058 अतिकुपोषित (लाल) श्रेणी के बच्चों की बेसलाइन फीडिंग ूूूण्ेनचवेींदनचण्पद करायी गयी है, शेष बच्चों की फीडिंग कराई जा रही है। अन्टाइड फण्ड की धनराशि से आंगनबाड़ी केन्द्रो हेतु वनज मशीन क्रय किये जाने के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वजन मशीन पीएचसी/सीएचसी पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस सम्बन्ध में समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रभारी को अवगत करा दिया गया है कि अपने परियोजना से सम्बन्धित सीएचसी के एमओआईसी से सम्पर्क करते हुये वजन मशीन को प्राप्त कर कुपोषित बच्चों का वजन कराना सुनिश्चित करे। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में पोषण पुर्नवास केन्द्र संचालित हो गया है।
विश्व स्तनपान दिवस पर चर्चा पर अवगत कराया गया कि 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह 2018 के आयोजन के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, आंगनबाड़ी, कार्यकत्री एवं समुदाय आधारित संगठनों के माध्यम से विश्व स्तनपान सप्ताह को सफल बनाये जाने हेतु जनजगारूक रैली के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराकर इसकी सूचना धात्री महिलाओं तक पहुंचाने हेतु निर्देशित किया गया है। 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डी-वर्मिग डे-एनडीडी) का आयोजन किया गया है, एनीमिया एवं कुपोषण से बचाव हेतु जनपद में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो के माध्यम से पेट के कीड़ो की गोली (एल्बेण्डाजोल टेबलेट) खिलायें जायेंगें। भारत सरकार द्वारा संचालित पोषण अभियान में 3 से कम आयु वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से कार्यकर्ताओं, लाभार्थियों और समुदाय में बड़े पैमाने पर व्यवहार व उन्हें प्रोस्साहित करने पर बल दिया गया है।
बैठक के दौरान स्वस्थ्य भारत प्रेरक मोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि कुपोषित बच्चा जन्म लेने के बाद नही होता, बच्चें कुपोषित तब होते है जब गर्भधारण के समय माँ कमजोर एवं अस्वस्थ होती है और उसे पूर्ण अहार नही मिलते है इसलिये गर्भधारण के समय से ही गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य के देखरेख के साथ पौष्टिकपूर्ण अहार के साथ आयरन युक्त अहार एवं आयरन की गोली दिये जाये तभी बच्चा स्वस्थ होगा और उसका वजन सही होगा। इसके लिये आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने क्षेत्र में ऐसी गर्भवती माताओं का चिन्हाकन कर उनकी पूर्ण देखरेख करते हुये उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य केन्द्रो पर लाकर जांच करवायंे, उन्हें गर्भ के दौरान क्या अहार लेना है इसका क्या लाभ है इसकी पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। तभी जन्म लेने वाला बच्चा पूर्णतया स्वस्थ्य होगा और बच्चा कुपोषण से सुरक्षित रह पायेगा, तभी हमारा समाज और गांव कुपोषण मुक्त बन पायेगा। इस लिये आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी का दायित्व होगा वह गर्भवती माताओं को गर्भ से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी देने के साथ-साथ गर्भवती महिला के सास एवं पति को भी गर्भ में पल रहे बच्चें के स्वास्थ्य लाभ से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी के बारे में बतायें। जिससे बच्चा कुपोषण मुक्त पैदा हो। मुख्य चिकित्साधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश देते हुये कहा कि जो बच्चें वजन करने से छूट गये है उन्हें आज ही आंगनबाड़ी, आशा बहुओं के माध्यम से उनके घर जाकर वजन कराना सुनिश्चित करें। इसी के साथ आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम को ब्लैड प्रेशर नापने की जानकारी हेतु ट्रेनिंग ब्लाक स्तर पर दी जाये।

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