-विवि के स्थापना दिवस पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किया गया सम्मानित
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 48 वां स्थापना दिवस धूम-धाम के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के कुशल नेतृत्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत कुलपति व कुलसचिव उमानाथ तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित के साथ किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम सर्वप्रथम वॉयस इंडिया की विजेता निष्ठा शर्मा व हर्षित शर्मा ने सेव वाटर सेव लाइफ के गीत ने दर्शकों गुनगुनाने को मजबूर किया।
वहीं छात्र-छात्राओं द्वारा कह दू तुम्हें, क्या चूप रहॅू गीत ने श्रोताओं को मदमस्त कर दिया। इसी क्रम में आस्था त्रिपाठी द्वारा सोलो नृत्य का मनोहारी प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों द्वारा श्री गणेश देवा… भक्ति गीत गाकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। नाट्य प्रस्तुति छात्र-छात्राओं सधे अभिनय द्वारा किया गया। समूह गायन भी छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसमें बचपन तो गया जवानी भी गई। वहीं जुबैनूदीन व श्रेया द्वारा गीत प्रस्तृत की गई। नृत्य के अगले क्रम में दिवांशी सिंह ने मल्हारी नृत्य प्रस्तृत किया। बॉसुरी वादन में कार्तिक लखवानी ने सुरीली तान से मंत्रमुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय कला और ज्ञान का केन्द्र है। अवध की शान का मन्दिर है। 48 वर्षों में अवध विश्वविद्यालय पूरे क्षेत्र में ज्ञान का कुॅज होकर स्थापित हो चुका है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने कला का दीपक व ज्ञान का प्रकाश फैलाया है वहीं विज्ञान ने इस क्षेत्र को सिचिंत किया है। विश्वविद्यालय ने पिछले वर्षो में कई प्रतिमान स्थापित किए है। हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर कई कीर्तिमान स्थापित किए है जिसमें उन्होंने 11 स्वर्ण पदक व बहुत सारे कांस्य व रजक पदक अर्जित किए है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा 24 शोध परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। आने वाले समय में इनकी उपब्धियां संस्थान को एक नई पहचान दिलायेंगी। कुलपति ने बताया कि अपना विश्वविद्यालय एक विशाल विश्वविद्यालय है। इसका परिक्षेत्र सात जनपदों में फैला है।
इसमें करीब 750 महाविद्यालय सम्बद्ध है। करीब 7 लाख विद्यार्थी प्रतिवर्ष शिक्षित हो रहे है। कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि इस वर्ष दीक्षांत समारोह में करीब दो लाख उपाधियां छात्रों को दी जायेगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न विषयों के सर्वोच्च अंक प्राप्त 127 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय पठन-पाठन के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्णतः लागू करने की ओर अग्रसर है। छात्रों के लिए स्किल डेवलपमेंट पर कार्य किया जा रहा है। टूरिष्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इत्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
\इससे आने वाले समय में विद्यार्थियों ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सकेगा। कुलपति प्रो0 गोयल ने शिक्षकों को बधाई देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के संविदा शिक्षकों का प्रदेश सरकार के शासनादेश अनुरूप निरन्तरता प्रदान की गई है। कार्यक्रम में कुलपति ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपके शिक्षकों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इन्हें प्रेरित करने के लिए छात्रों को भी आगे आना होगा। इसके लिए विद्यार्थी अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करें और लगन के साथ पढ़ाई करते हुए शिक्षकों के प्रेरणादायक बने। कुलपति प्रो0 गोयल ने डॉ0 राममनोहर लोहिया को स्मरण करते हुए कहा कि लोहिया स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ व समाज सुधारक रहे है। लोहिया जी ने कहा था कि इस देश के नागारिकों को कैसा हो चाहिए? उन्होंने कहा कि उनमें शिव जैसा ज्ञान हो। कृष्ण जैसी कला हो।
प्रभु श्रीराम जैसी सत्यता और निष्ठा हो। विश्वविद्यालय के 48 वर्षों के डॉ0 लोहिया के दिखाएं हुए मार्ग पर चलते हुए विश्वविद्यालय नई ऊॅचाईयों पर जाये। कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो0 नीलम पाठक ने विश्वविद्यालय के 48 वर्षों की शैक्षिक यात्रा का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 गोयल द्वारा विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों सम्मानित किया गया। जिसमें अरूण कुमार सिंह, रविन्द्र प्रसाद, रमेश प्रसाद, सत्यदेव, रमेश श्रीवास्तव को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम, मानस ग्रन्थ व पुष्प भेटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभागाध्यक्ष प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 आरके तिवारी, प्रो0 जसवंत सिंह, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 एसके रायजादा, प्रो0 अशोक राय, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 अनूप कुमार, प्रो0 गंगा राम मिश्रा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ला, सहायक कुलसचिव डॉ0 रीमा श्रीवास्तव, सहायक कुलसचिव मो0 सहील, प्रो. रमापति मिश्रा, डॉ0 पीके द्विवेदी, डॉ0 अवध बिहार सिंह, डॉ0 राजेश सिंह, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 दिवाकर त्रिपाठी, डॉ0 अनिल कुमार, डॉ0 अभिषेक सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।