राष्ट्रीय लोक अदालत में 43876 वादों का हुआ निस्तारण

by Next Khabar Team
3 minutes read
A+A-
Reset

-लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण : गौरव कुमार श्रीवास्तव

अयोध्या। रविवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। इस मौके पर सभी न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण की भावना। सुलह समझौता के दौरान सभी का मान, सभी का सम्मान, सभी को न्याय मिले इसका ध्यान रखा जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वादों को निस्तारित कराया जाता है।

इतिहास में दर्ज है कि सदियों पहले जब अदालतें नहीं हुआ करती थी तब दो पक्षों के आपसी मतभेद को सुलह-समझौता के माध्यम से समाज के गणमान्य व्यक्ति एक निर्धारित स्थल पर बैठकर दोनों पक्षों की बात सुनकर यह निर्णय लेते थे कि दोनों पक्षों का हित किसमें हैं। इसी को देखते हुए सुलह-समझौता कराते थे और समाज में इसके सार्थक परिणाम भी दिखाई पड़तें थे। दोनों पक्षों के मध्य आपसी क्लेश, मतभेद एवं दुर्भावना समाप्त हो जाती थी। लोक कल्याण के भावना से ओत-प्रोत उसी स्वरूप को उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय द्वारा विस्तार रूप देते हुए एक स्थल एक मंच पर बहुत सारे वादों को सुलह-समझौता के आधार पर समाप्त कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित कराने का निर्देश दिये जाते हैं, जिसमें दोनों पक्षों के हित के साथ सामाजिक प्रेम भावना भी समाहित हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोग मिल-जुल कर प्रेम भावना से रहे,, जो समाज एवं राष्ट्र के हित में हैं। यदि आपसी मतभेद पनपते भी है, तो उसे शांत एव सदभाव के साथ समाप्त करने का प्रथम प्रयास दोनों पक्षों द्वारा किया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़े  मिल्कीपुर चुनाव जीतकर अयोध्या में दूसरा इतिहास रचेगी सपा : गौरव रावत

यदि प्रथम प्रयास में दोनों पक्ष सफल नहीं होते है तभी उन्हें न्यायालय के शरण जाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि जनपद न्यायालय परिसर के अतिरिक्त क्लेक्ट्रेट एवं सभी तहसीलों में आपसी सुलह-समझौता के आधार पर वादों का निस्तारण कराया जाएगा। इस अवसर पर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि लोक अदालत के आयोजन में आने वाले दोनों पक्षों के बैठने, शुद्ध पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था करायी गई है। लोक अदालत में आने वाले सभी व्यक्ति के सुविधा का ख्याल रखा गया है और यह प्रयास किया जा रहा है कि आज इस वृहद लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को आपसी सुलह-समझौता के माध्यम से समाप्त कराकर लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्देश्य का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंनें बताया की धारा 138 पराक्राम्य लिखत अधिनियम (एन.आई.ऐक्ट), बैंक वसूली वाद, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, (अशमनीय वादों को छोड़कर) अन्य (आपराधिक शमनीय, पारिवारिक एंव अन्य व्यवहार वाद, आपराधिक शमनीय वाद, धारा 138 पराक्राम्य लिखत अधिनियम (एन.आई.ऐक्ट),बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाऐं, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, (अशमनीय छोड़ कर), पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण वाद, सर्विस मैटर से संबंन्धित वेतन, भत्ता और सेवानिवृत्ति लाभ के मामले, राजस्व वाद, जो जनपद न्यायालय में लम्बित हों, अन्य सिविल वाद आदि वाद निस्तारित किये गये।

राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी बृजेश कुमार सिंह व जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव शैलेन्द्र सिंह यादव के अनुसार रविवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 43876 वादों को निस्तारित किया गया। बैंक रिकवरी से संबंन्धित 716 प्री-लिटिगेशन वाद निस्तारित किये गये तथा बैंक संबंन्धित ऋण मु0- 4,40,78,116/- रू0 वसूल किये गये। पारिवारिक विवाद से सम्बन्धित 65 मुकदमों को निस्तारित किया गया है, जिसमें कई पुराने वाद निस्तारित किये गये। संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायालयों द्वारा 10495 फौजदारी वादों को एफ0आर0 के 73 वाद निस्तारित किया गया, जिसके एवज में कुल मु0 2,43,675/- रू0 अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। सिविल न्यायालय द्वारा कुल 66 मामलों का निस्तारण किया गया। राजस्व मामलों से संबन्धित 32407 वाद विभिन्न राजस्व न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये।

इसे भी पढ़े  लापता अधेड़ का बोरे में भरा मिला शव

You may also like

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya