-संस्था के डॉ राममूर्ति चौधरी को समर्पित था 29 वां वार्षिकोत्सव
अयोध्या।अवध क्षेत्र में सतत क्रियाशील साहित्य मंगलम के 29 वा वार्षिकोत्सव साहित्य सेवी स्व. डॉ. राममूर्ति चौधरी को समर्पित भवदीय ग्रुप के अध्यक्ष श्री मिश्रीलाल वर्मा की अध्यक्षता में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्षता कर रहे मिश्रीलाल वर्मा और मुख्य अतिथि शिव हर्ष पीजी कॉलेज बस्ती अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर सुप्रसिद्ध आलोचक चिंतक डॉक्टर रघुवंश मणि त्रिपाठी ने मां सरस्वती और संस्था के संस्थापक सदस्य डॉ राममूर्ति वर्मा के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।
संस्था के अध्यक्ष डॉ जनार्दन उपाध्याय ने राममूर्ति चौधरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ चौधरी अयोध्या के बक्सरिया टोला में आवास बनाकर रहते थे और 1992 में साहित्य मंगलम संस्था का गठन कर साहित्य प्रेमियों को एकत्रित करने का काम किया वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी से साहित्य सेवा सामाजिक जागरण और कवियों लेखकों गीत कारों को एकत्रित करना गोष्ठी और साहित्य से संबंधित कार्यक्रम कराना उनका शौक था। इसलिए उनके न रहने के बाद यह पहला वार्षिकोत्सव उनके याद में कराया जा रहा है।
मुख्य अतिथि डॉक्टर रघुवंश मणि त्रिपाठी ने चौधरी जी से लंबे समय के अनुभव की चर्चा करते हुए त्रिपाठी जी ने भारतीय संस्कृति का सार्वभौम स्वरूप समझाया और साहित्य की निरंतरता के महत्व को रेखांकित किया। चौधरी जी के अंतरंग रहे लोगों में से डॉ रामानंद शुक्ला ,संपूर्णानंद बागी ,डॉक्टर आरडी पांडे ,श्रीराम नाथ तिवारी ,श्रीमती मिन्दिला चौधरी , डॉक्टर शेष नारायण मिश्र तथा हरिशंकर शर्मा ने अपने संस्मरण सुनाए छात्र-छात्राओं ने चौधरी जी की गीत रचनाओं का गायन किया।दूसरे चरण में वरिष्ठ कविअशोक टाटम्बरी प्रियंका पांडे ,वीर विक्रमादित्य सिंह ,महेंद्र शुक्ला आदि ने चौधरी जी को काव्यात्मक श्रद्धांजलि दी ।संचालन और आयोजन की भूमिका संस्था के अध्यक्ष डॉ जनार्दन उपाध्याय तथा महासचिव श्री वीर विक्रमादित्य सिंह,अंजनी कुमार सिन्हा ,भानु प्रताप सिंह चंद्रवंशी आदि ने मिलजुल कर निभाई। वार्षिक उत्सव पर सैकड़ों साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे और अपनी रचनाएं सुनाई।