अयोध्या। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व सिफ़्सा के संयुक्त तत्वधान में श्री परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में 12 दिनो तक चले प्रशिक्षण में कुल 225 युवा छात्र छात्राओं की सतत चली कार्यशाला संपन्न हुई। इस 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में युवाओं के विभिन्न मनोस्वास्थ्य समस्याओं का निदान व समाधान का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया । युवा मनोपरामर्श की यह अग्रणी योजना एन एस एस वॉलन्टिअर्स के सहयोग से किया गया जिसके लिए चयनित पूर्व प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स के सहयोग से 1 2 दिवसीय छात्र अन्तर्दृष्टि जागरूकता कार्यशाला का समापन हुआ। कार्यशाला के नोडल अधिकारी डॉ अमरजीत पाण्डेय व कार्यशाला अधिकारी डॉ सुधांशु त्रिपाठी की देखरेख में छात्र छात्राओं का मनोअन्तर्दृष्टि सत्र सम्पन्न हुआ ।ट्रेनिंग सत्र का संचालन एन एच एम व सिफ़्सा के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने किया। किशोर व युवा के मनोगतिकीय पहलू का विश्लेषण करते हुए डॉ मनदर्शन ने बताया कि बहुधा छात्र छात्रायें इंट्रोवर्ट या अंतर्मुखी होने के साथ ही पर्सनालिटी डिसऑर्डर या अनचाहे नकारात्मक विचारों व मनोभावों से ग्रषित है और इन नकारात्मक भावों से क्षद्म शुकुन की प्राप्ति के लिए रुग्ण मनोरक्षा युक्तिओं के चंगुल में फंसकर अपने आत्मविश्वास को और भी कमजोर करती जाती है।
कार्यशाला के 12 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र में मनो क्विज़ प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों शिवांगी त्रिपाठी, आकांक्षा मौर्या अभिषेक यादव वीरेंद्र कुमार तथा हरिओम तिवारी युवा मनमित्र अवार्ड से पुरस्कृत हुए। इससे पहले के सत्रों में 20 युवाओ को यह अवार्ड दिया जा चुका है।कार्यशाला की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ सुनील तिवारी द्वारा किया गया।कार्यशाला में छात्र छात्राओं सहित महाविद्यालय परिवार के स्टाफ मौजूद रहे।कार्यशाला के अंत मे प्रमाण पत्र भी वितरित हुए।
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युवा मनमित्र अवार्ड से 25 छात्र–छात्राओं को किया गया अलंकृत
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