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प्रतिदिन निरन्तर साधना से करें योग क्रियाएं: डाॅ. चैतन्य

विवेक सृष्टि में साधकों ने किया सामूहिक योगाभ्यास

विवेक सृष्टि में पंचम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर

अयोध्या। पंचम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विवेक सृष्टि के अध्यक्ष डॉ. चैतन्य के निर्देशन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित योग पाठ्यक्रम का सामूहिक अभ्यास के रूप में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित योग साधकों एवं आमजनमानस ने सामूहिक प्रार्थना, संधि संचालन, आसन (ताड़ासन, वृक्षासन, बज्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, मकरासन, अर्धहलासन, शवासन आदि), कपालभाति, प्राणायाम(अनुलोम विलोम, शीतली, भ्रामरी आदि), ध्यान, का अभ्यास कर अद्भुत छटा बिखेरी। अति प्रातः विवेक सृष्टि परिसर में सुदूर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों से महिला- पुरुष योग जिज्ञासुवों का जमावड़ा शुरू हो गया था। कार्यक्रम में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्त, अयोध्या महानगर भाजपा अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से आये साधकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर डॉ चैतन्य ने पद्मविभूषण योगाचार्य वी के एस अयंगर के कथन कि “एक दिन के लिये भी अभ्यास बंद न होने दें” को रेखांकित करते हुए कहा कि योग की क्रियाओं को प्रतिदिन की निरन्तर साधना के बाद ही फलीभूत किया जा सकता है। योग साधना को नियमित जीवन में अंगीकृत करके सतत क्रियाशील तथा सार्थक जीवन का संकल्प लेना ही होगा, अन्यथा योग दिवस का कार्यक्रम मात्र कर्मकांड बनकर रह जायेगा। योग साधना को जीवन में उतारकर मनुष्य न केवल व्यक्तिगत कार्यक्षमताओं को विकसित कर अपने अपने कार्यक्षेत्र में सफलता को सिद्ध कर सकता है अपितु समाज में शांति एवं स्थिरता बनाये रखने में भी सहयोगी होता है। कार्यक्रम के संयोजन में विवेक सृष्टि, वात्सल्य फाउंडेशन, सेवा, रघुवर दयाल मेमोरियल ट्रस्ट, पावन भारत सहयोग संस्थान, नारी शक्ति योग केन्द्र, प्रयास सेवा संस्थान एवं प्रयास ट्रस्ट के कार्यकर्ता कई दिनों से सक्रिय रूप से लगे रहे। सेवा के सचिव ई. रवि तिवारी, ने बताया कि 2015 में आयोजित प्रथम योग दिवस समारोह से लेकर आज पंचम योग दिवस तक नियमित योग साधना के प्रति रूचि विकसित करने वाले साधकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैद्य निकट भविष्य में निश्चित ही इसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगेद्य स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती के अवसर पर आध्यात्म एवं विज्ञान के संतुलित धरातल पर अयोध्या को केन्द्र बनाकर एक आध्यात्मिक सामाजिक आन्दोलन की संकल्पना की गयी थी। जो श्री अयोध्याधाम की सामाजिक पृष्ठभूमि में शनैः शनैः मूर्त रूप ले रही है। स्वामी जी के वैचारिक आधार से प्रेरणा प्राप्त विवेक सृष्टि की आधारशिला 2013 में रखी गयीद्य उसी परिसर में स्वामी जी की प्रेरणादायी प्रतिमा की स्थापना जन सहयोग एवं स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों के प्रसार के आलोक में 1 लाख लोगों के व्यक्तिगत संपर्क एवं उनके हस्ताक्षर तथा आर्थिक सहभागिता (कम से कम एक मुद्रा (नोट) से यह कार्य पूर्ण करने की भावी योजना को धरातल पर उतारने के अभियान का प्रारम्भ आज विवेक सृष्टि परिसर में हो रहा है। भगवान श्रीराम के पावन जन्मस्थली श्रीअयोध्याधाम में स्वामी जी की भव्य प्रतिमा का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मानक स्थापित करेगा। इस संकल्प की पूर्ति के लिये जनपद के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से लेकर महानगर तक जन-जन के मध्य जाकर स्वमी जी के विचारों एवं प्रतिमा स्थापना के सम्बन्ध में बृहद जनजागरण का अभियान चलाया जायेगा।
इस अवसर पर महन्त गिरीशपति त्रिपाठी, मिथिलाबिहारी दास, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी अयोध्या शाखा के अध्यक्ष प्रो. सन्त शरण मिश्र, विवेक सृष्टि के मन्त्री राजेश मंध्यान, कोषाध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, अमर सिंह, विवेक शुक्ल, पवन पाण्डेय, प्रवीण सिंह, डॉ0 आर के सिंह, सूर्य भान पाण्डेय, सहजराम यादव, त्रिभुवन यादव, राजेश वर्मा, राजेन्द्र मिश्र, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अभिषेक मिश्र, राधेश्याम त्यागी, ईश्वर चंद्र तिवारी, राजकुमार सचदेवा, विजय कुमार सिंह बंटी, बबलू खान, विजय बहादुर सिंह, पुष्कर तिवारी, विनोद श्रीवास्तव, सच्चीदानंद तिवारी, तिलकराम मौर्य, शैलेन्द्र कुमार, शैलेन्द्र मोहन मिश्र, सुशील मिश्र, वासुदेव मौर्य, संघ के विभाग प्रचारक अमरनाथ जी, राजापाल सिंह, दीपक शुक्ल, आनन्द कुमार, सीमा तिवारी, रीता मिश्रा, स्मृता तिवारी,बिन्दू सिंह, सरिता सिंह, ममता श्रीवास्तवा, सोनी सिंह, वंदना द्विवेदी, ऋचा द्विवेदी, सीमा सिंह, आशा तिवारी, अवंतिका, कल्पना, पूनम श्रीवास्तवा, आदि अनेकों गणमान्यजन एवं साधकगण उपस्थित रहे।

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