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क्लबफुट बीमारी के इलाज का दिया गया प्रशिक्षण

अयोध्या। जन्मजात आर्थोपेडिक विसंगति-क्लबफुट का उपचार संभव है और ट्रीटमेंट के बाद पैर वापस सामान्य स्थिति में आ सकते हैं।क्लबफुट एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चों के पैर अंदर की तरफ मुड़े होते हैं और इस कारण वे सामान्य रूप से चलने-फिरने में अक्षम होते हैं। समय पर उपचार कराने के बाद बच्चों को इस विकार से छुटकारा दिलाया जा सकता है और उन्हे चलने-फिरने में सक्षम बनाया जा सकता है।
जनपद को क्लबफुट नामक बिमारी से मुक्त कराने हेतु मिराकलफीट द्वारा जिला पुरूष चिकित्सालय में प्रषिक्षण आयोजित किया गया। मिराकलफीट के डा0 एलरिक द्वारा जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग के समस्त चिकित्सकों को क्लबफुट बीमारी एवं उसके बेहतरीन इलाज पर प्रशिक्षण प्रदान किया कि समय रहते क्लबफुट के लक्षणों को पहचान कर निर्धारित इलाज आरम्भ कर दिया जाये जिससे बच्चों में विकलांगता के खतरे को कम किया जा सके। डा0 एलरिक ने पांेसेटी पद्धति द्वारा इलाज किये जाने पर जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रषिक्षण में ही क्लबफुट बीमारी से ग्रसित आये हुए बच्चों का इलाज करते हुए चिकित्सकों को भी प्रशिक्षत किया गया। जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग के हेड डा0जी0सी0पाठक एवं अन्य चिकित्सकों द्वारा यह प्रण लिया गया कि हमसब मिलकर जनपद से क्लबफुट नामक बिमारी को समाप्त करने का हर संभव प्रयास करेंगे जिससे जनपद का कोई भी बच्चा इस बिमारी से विकलांग नही होने पाये।
मिराकलफीट द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षित चिकित्सकों को प्रमाण-पत्र वितरित किया गया। उक्त प्रशिक्षण मिराकलफीट के बी.एम. भूपेष सिंह, पी.ई. -शुचि सिंह एवं देवीदत्त के अथक सहयोग से हुआ।

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