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श्रीराम व स्वामी विवेकानन्द की तरह नायक बने युवा : गिरीश पति त्रिपाठी

-अयोध्या घराना ने की स्वामी विवेकानन्द जयंती पर संस्कार संध्या व भारतमाता आरती

अयोध्या। स्वामी विवेकानन्द जयंती के अवसर पर पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र संगीत शोध संस्थान एवं विवेकानन्द सेवा मंच के संयुक्त तत्वावधान में ट्रांसपोर्टनगर के शुभारम्भ लान में संस्कार संध्या व भारतमाता की आरती का आयोजन किया गया स जिसमें अयोध्या घराना की स्थापना के साधक पण्डित सत्य प्रकाश मिश्र ने अपनी साधक शिष्य मंडली के साथ प्रभु श्रीराम को तिहाई प्रस्तुतियां अर्पित कीं। मुख्य अतिथि गुरु वशिष्ठ परंपरा के संवाहक तीन कलश तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी, मातृ मण्डल ट्रांसपोर्टनगर अध्यक्षा तनु द्विवेदी व संयोजिका पुष्प मालती पांडेय, माधव सर्वोदय डिग्री कालेज प्रबंधक अरविंद पाठक ने भारतमाता , स्वामी विवेकानन्द जी व श्रीराम दरबार व श्री गणेश जी की पुष्पर्चना कर संस्कार संध्या का शुभारंभ किया।

महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा भविष्य में जब देश दुनिया से लोग अयोध्या आएंगे तो वह यहां के जन जन के हृदय , जीवन आचरण में प्रभु श्रीराम के आदर्शों का दर्शन कर सकें, अपनी परम्पराओं व अयोध्या की विशिष्टताओं को सहेजते हुए ऐसे तैयार रहना है। स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु राम कृष्ण की आज्ञा से आजीवन तो श्री राम ने पिता के वचनों के पालन हेतु चौदह वर्ष धर्म की स्थापना हेतु देश विदेश का भ्रमण किया, हमारे युवाओं को निर्बल नहीं श्रीराम व स्वामी विवेकानन्द की तरह नायक बनना होगा। ई. रवि तिवारी ने कहा कि देश में एकता की स्थापना भारतीय अस्मिता के मानबिन्दुओं को स्थापित एवं उनके सभी श्रद्धा के केन्द्रों को मजबूत बनाकर ही किया जा सकता हैद्य अयोध्या व जनपद के लाखों लोगों की पहचान देश व विदेश में भी केवल भगवान श्रीराम से होती है, भगवान श्रीराम का आदर्श और मर्यादा आज भी संपूर्ण विश्व के लिए एक मार्गदर्शक मानक है

स्वामी विवेकानंद जी ने इसी मानवीय संवेदना और आदर्श की स्थापना का आह्वान संपूर्ण विश्व में किया था स आत्मनों मोक्षार्थम जगत् हिताय च को समर्पित उनका सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है स अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर भगवान राम के आदर्श और मर्यादा को हृदयंगम करते हुए अयोध्या की गरिमा और प्रतिष्ठा के अनुरूप व्यवहार करते हुए संपूर्ण जगत को मानवीय संवेदनाओं और सकारात्मकता का संदेश देना हम अयोध्यावासियों के लिए वर्तमान समय में प्रथम कर्तव्य है स यही स्वामी विवेकानंद के वैश्विक समाज की संकल्पना को दिशा प्रदान करेगा

संचालक डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी ने अतिथियों के स्वागत परिचय के बाद कार्यक्रम की संकल्पना प्रस्तुत करते हुए विश्व दृष्टि में अयोध्या ही नहीं शास्त्र वर्णित यहाँ की लोक सांस्कृतिक विशिष्टता भी होगी, जिसका दायित्व हम युवाओं का है इसलिए ही ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से उनका पुनर्जागरण क्रांतिकारी युवा संत स्वामी विवेकानन्द जी जयंती से प्राण प्रण से शुरू हो और निरन्तर रहे। संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीराम चरित मानस भक्ति का श्रेष्ठतम महाकाव्य है तबसे आज तक यहां संत महंत परम्परा में प्रभु वंदन की विशिष्ट परम्परा रही है, जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया अब उसी गुरु शिष्य परम्परा को सहेजने का संकल्प भी अयोध्या घराना के रूप में साथ साथ है। इस अवसर पर बृजमोहन तिवारी, एस एन तिवारी, जिला सेवा प्रमुख पुष्कर तिवारी, प्रेमचन्द्र पांडेय, हरिओम चतुर्वेदी, देवेश, कुटुंब प्रबोधन प्रमुख हरिश्चंद्र शर्मा, गोसेवा प्रमुख राजेन्द्र मालवीय, नितिन पांडे, अभिषेक, हिमांशु, प्रशांत, अश्वनी पांडेय, आशीष शुक्ला, सन्दीप तिवारी, सुशील मिश्र,अंकित मिश्र, एडवोकेट महेंद्र दूबे, रूबी सिंह, रश्मि, विजयलक्ष्मी, प्रीति, आकांक्षा, लक्ष्मी, रागिनी, आदि माताएं बहने युवा व नगर के प्रबुद्ध नागरिकगण उपस्थित रहे।

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