-55 फीसदी से अधिक युवा है कुपोषण का शिकार, जंक फूड हैं लत पैदा करने वाले
अयोध्या। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह सन्दर्भित विशेष शोध रिपोर्ट में यह तथ्य उभर कर सामने आया है कि इस समय किशोर व युवाओं में बढ़ते कुपोषण का मुख्य कारण एडिक्टिव ईटिंग या इमोशनल ईटिंग है। इसमें वही चीजे खाने की लत बार बार महसूस होती जिसमे हाई लेवल कार्बोहाइड्रेट ,फैट और साल्ट होते है और इन्ही वजहों से ये किशोर व युवा मन को बहुत जल्द ही अपनी लत का शिकार बना लेते हैं।
रही सही कसर इन पदार्थों की मार्केटिंग व हमजोली समूह पूरी कर देता है। इसके दुष्परिणाम मोटापा, एनीमिया, आंखों की रोशनी कम होना, अवसाद, एंग्जायटी, थकान, अनिद्रा, पढ़ाई में मन न लगना, उन्मादित व्यवहार आदि बहुत से रूप में दिखाई पड़ रहें है।
👉सलाह :
जिला चिकित्सालय के किशोर मनोपरार्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन के अनुसार आज के समय में अधिकांश युवाओं के स्ट्रेस में होने के कारण उनके मष्तिष्क में कार्बोहाइड्रेट क्रेविंग या अति कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों की तलब पैदा होती है और फिर यही तलब एक नशीले दुष्चक्र के रूप में हावी होकर पूरे खानपान को इस तरह दुष्प्रभावित कर देती है कि शरीर तेज़ी से कुपोषण का शिकार होने लगता है। इससे बचाव के लिये युवाओं में मनोस्वास्थ्य व स्ट्रेस ईटिंग के प्रति जागरुकता व माइंडफुल ईटिंग की ट्रेनिंग काफी मददगार होती है।