दहेज प्रताड़ना के मामले में कार्यवाही न होने पर महिला सिपाही ने भेजी शिकायत
अयोध्या। पुलिस लाइन में तैनात महिला आरक्षी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत भेज उसके द्वारा दर्ज कराए गए दहेज प्रताड़ना के मुकदमे में हीला हवाली किए जाने का आरोप लगाया है। न्याय न मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।पुलिस लाइन में तैनात महिला आरक्षी प्रियंका उपाध्याय का कहना है कि उसकी विधवा मां ने मेहनत मशक्कत कर उसको सिपाही पद पर भर्ती दिलाई और दान दहेज देकर 1 दिसंबर 16 को रौनाही थाना क्षेत्र के सनाहा गांव निवासी वर्तमान में सिद्धार्थ नगर जनपद के डुमरियागंज में तैनात लेखपाल त्रिलोकी नाथ दुबे से शादी कराई। शादी के कुछ दिनों बाद ही पति के नात रिश्तेदारों की मिलीभगत से उसको प्रताड़ित किया जाने लगा और 1 साल 8 माह 11 दिन का नारकीय जीवन व्यतीत करने के बाद उसे ससुराल से निकाल दिया गया। गत वर्ष उसने अपने परिवार तथा प्रताड़ना में शामिल उनके सगे संबंधियों के खिलाफ महिला थाने में विभिन्न संगेय धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसकी विवेचना सिटी मजिस्ट्रेट संतोष सिंह की ओर से की जा रही है। पीड़िता का कहना है कि त्रिलोकी नाथ दुबे के रिश्तेदार सुभाष चंद्र पाठक, मीरा पाठक, राहुल, दयाशंकर और रविशंकर के उसके ससुराल पहुंचने के बाद प्रताड़ना का क्रम तेज हो जाता था। इससे साफ है कि उसको प्रताड़ित किए जाने के पीछे इन सब की मिलीभगत थी। यह बात नवंबर 17 से जनवरी 18 के बीच मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड के अवलोकन से भी स्पष्ट हो जाएगी। बावजूद इसके विवेचक की ओर से अपनी पड़ताल के दौरान इन लोगों का नाम निकाल दिया गया। जबकि उसको प्रताड़ित किए जाने के मामले में असली दोषी यही लोग हैं।मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में महिला आरक्षी का कहना है कि मामले में विवेचना अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट की भूमिका ठीक नहीं है। विवेचक को ससुराल में बिताए गए पूरे समय की जांच पड़ताल करनी चाहिए जबकि वह केवल दो-चार दिन के घटनाक्रम की पड़ताल कर विपक्षियों को फायदा पहुंचाने के लिए विवेचना को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। महिला आरक्षण मांग रखी है क्या उसकी ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में सिटी मजिस्ट्रेट के बजाय किसी अन्य से विवेचना कराई जाए तथा उसको न्याय दिलाया जाए। ऐसा ना होने पर वह आत्महत्या को मजबूर होगी, जिसकी जिम्मेदारी विवेचक सिटी मजिस्ट्रेट और जिला प्रशासन की होगी।