अवध विवि की मुख्य परीक्षा को लेकर हुई कार्यशाला

by Next Khabar Team
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15 फरवरी से शुरू होगी विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाएं

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आज 12 फरवरी, 2020 को आगामी 15 फरवरी से आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षा-2019-20 के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं केन्द्राध्यक्षों की कार्यशाला आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि सभी केन्द्राध्यक्ष विश्वविद्यालय के अहम हिस्से है। यह हम सभी का दायित्व है कि परीक्षा की शुचिता एवं पवित्रता को बनाये रखने के लिए नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराये। विश्वविद्यालय सभी तरह से महाविद्यालय के लिए सहयोग कर रहा है। प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में नकल विहीन परीक्षा है इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाने है। प्रो0 दीक्षित ने बताया कि शासन की प्राथमिकता के अनुरूप प्रबंधकों की परीक्षा केन्द्रों पर उपस्थिति प्रतिबंधित किया गया है। पूर्व की भांति नकल विहीन परीक्षा कराना हम सभी के दायित्वों से जुड़ा है। इसके लिए महाविद्यालयों का सहयोग अपेक्षित है। विश्वविद्यालय को प्रदेश स्तर पर ही नही बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। इसके लिए हमें और भी आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय द्वारा रक्षक मोबाइन एप के प्रयोग के लिए केन्द्राध्यक्षों को जुड़ने के निदेर्शित किया है। जिससे परीक्षा संबंधित सूचनायें उनकों प्राप्त होती रहे। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि छात्र-छात्राओं को भी रक्षक एप से जोड़ने के लिए महाविद्यालय प्रेरित करें। कुलपति ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए अभी हमें काफी कुछ करना है। सम्बद्ध परीक्षा केन्द्रों पर डीवीआर और सीसीटीवी कैमरे सक्रिय अवस्था में होने चाहिए और इन्हें 24 घंटे बन्द नही किया जाना है। इसका रिकार्ड 60 दिनों तक महाविद्यालयों को सुरक्षित रखना होगा। छात्रों की सीटिंग प्लान मिश्रित रूप से होना चाहिए। कुलपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छात्रों का गिरता ग्राफ इस बात का स्पष्ट संकेत है कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश अकेले 30 लाख से अधिक विद्यार्थियों की परीक्षा कराता है। क्या कारण है कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दिनोंदिन छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है। इस पर मंथन करने की आवश्यकता है।
प्रति कुलपति प्रो0 एस0 एन0 शुक्ल ने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता एवं पवित्रता गुणवत्तापरक शिक्षा का मानक तय करती है। विश्व स्तरीय प्रतियोगिता के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना हम सभी का दायित्व है। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्र राष्ट्र निर्माण की न्यूनतम इकाई है। छात्र देश की राष्ट्रीय सम्पति है इनके भविष्य का निर्माण बेहद जिम्मेदारी से करना है। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद जो संस्थायें अपनी गुणवत्ता को अपग्रेड नही करेंगी वे हासिये पर आ जायेगी। मुख्य परीक्षा के लिए सचल दल सक्रिय होंगे। इसके लिये 10 टीमें तैयार की गई है। जिसमें पहली बार एक महिला सचल दल का भी गठन किया गया है। इस बार की परीक्षा में विश्वविद्यालय ने 432 परीक्षा केन्द्र, 18 नोडल सेंन्टर बनाये है। कुछ संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों की तैनाती की जायेगी। परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। परीक्षा व्यवस्था जुड़ें शिक्षकों एवं केन्द्राध्यक्षों को भी अपने मोबाइल निर्धारित स्थल पर जमा करने होगे। परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने बताया कि वर्ष 2020 की परीक्षा में कुल 4 लाख 17 हजार आठ सौ इकतालीस छात्र स्नातक स्तर पर एवं परास्नातक स्तर पर 71 हजार दो सौ सैतालिस परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इस परीक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि इस बार अनुपस्थित एवं अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पकड़े जाने पर परीक्षा केन्द्रों को छात्रों की ऑनलाइन जानकारी अपडेट करनी होगी। इसके लिए परीक्षा केन्द्रों को परीक्षा समाप्त होने के बाद 30 मिनट का समय अतिरिक्त दिया जायेगा। जिससें इन छात्रों की सूची परीक्षा केन्द्र अपलोड कर सके।
महाविद्यालय विकास परिषद के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ला ने बताया कि मुख्य परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के लिए सुरक्षात्मक कदम विश्वविद्यालय ने अपनाये है और स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं जिलाधिकारियों को भी अवगत कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके हेल्पलाइन न0 भी जारी किये है। परीक्षा नियंत्रक सहित संबधित पदाधिकारियों के मोबाइन नम्बर भी संक्रिय होंगे। कार्यशाला में उपकुलसचिव विनय कुमार सिंह, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 वीपी सिंह, पूर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह प्रोग्रामर रवि मालवीय सहित बड़ी संख्या में केन्द्राध्यक्ष एवं प्राचार्य उपस्थित रहे।

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