अयोध्या। काव्य जीवन का संगीत है, जिससे हम अपने जीवन को अच्छे ढंग से व्यतीत कर सकते हैं। उक्त विचार महिला काव्य मंच की अयोध्या शाखा द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में अध्यक्षा डॉ स्वदेश मल्होत्रा ने व्यक्त किए । इस अवसर पर वक्ताओं ने अपनी वाणी के माध्यम से मां सरस्वती की वंदना की और अपने मन के उदगार प्रस्तुत किए।
कवियत्री सुनीता पाठक ने वाणी वंदना के माध्यम से मां सरस्वती की आराधना की, वहीं कंचन जायसवाल ने “गायब होता हुआ दिन“ कविता का वाचन किया। कवियत्री कात्यायनी ने अपने गीत “जब झींगुर सारे जग को राग सुनाता है“ से भाव विभोर कर दिया और वहीं उनकी ग़ज़ल “चंद सांसे हैं और रुसवाई में“ ने खूब वाहवाही बटोरी। कवियत्री सुनीता पाठक द्वारा प्रस्तुत “सच कह रही हो मेरे दिल में तुम ही हो प्रिय“ गीत की काफी सराहना हुई । डॉ स्वदेश मल्होत्रा ने “लिख लिख भेज थकी यह धरती पाती तेरे नाम- कब इसकी फरियाद सुनोगे हे सीता के राम“ गीत प्रस्तुत कर अयोध्या की धरती पर भगवान राम सीता के जीवन का चित्रण किया। अंत में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रही पूनम सूद ने “कुछ ताले मुंह फुलाए रहते हैं“ कविता का वाचन कर सभी के मन को आनंदित कर दिया एवं उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। समापन अवसर पर अध्यक्ष डॉ स्वदेश मल्होत्रा ने सभी से मंच के विस्तार का आग्रह किया।
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