-दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ उदघाटन, हैंडीक्राफ्ट उत्पाद का दिया जाएगा प्रशिक्षण
अयोध्या।अमानीगंज विकास खंड अंतर्गत पूरे दला में स्थापित केला रेशा प्रदर्शन इकाई पर राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान , कलकत्ता एवं ओंकार सेवा संस्थान के संयोजन में महिलाओं के दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस.बी. रॉय द्वारा किया गया।
अपने उद्घाटन संबोधन में डॉ रॉय ने कहा कि यह परियोजना संस्थान के एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन योजना के अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित की गई है । इस योजना के अंतर्गत संस्थान के द्वारा देश के विभिन्न भागों में महिलाओं और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है । कार्यक्रम को संस्थान के तकनीकी अधिकारी रमा कांत मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना में कुल चालीस महिलाओं को विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जिससे महिलाएं अपना रोजगार स्थापित करके अपनी रोजी रोटी चला सकें।
कार्यक्रम को भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉक्टर राजीव वार्ष्णेय ने भी संबोधित किया । डीडीएम नाबार्ड कमलेश यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नाबार्ड महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सदैव कार्य कर रहा है ,शीघ्र ही नाबार्ड के द्वारा जनपद के मवई विकास खण्ड में भी महिलाओं को कालीन का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा । उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर इतने बड़े संस्थान के द्वारा प्रशिक्षण आयोजित करना बहुत शुभ संकेत है। इससे महिलाओं के साथ साथ किसान भी लाभान्वित होंगे तथा क्षेत्र की महिलाओं को पूरे देश में अपना हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बेचने में भी मदद मिलेगी ।
कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उपरोक्त योजना राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान कलकत्ता के निदेशक डॉक्टर डी बी शाक्यवार के दिशा निर्देश में संचालित की जा रही है।
कार्यक्रम को डॉ. अरुण गुप्ता ,डॉ. देवेंद्र प्रताप शुक्ला , श्री कृष्ण द्विवेदी ,भवानी प्रसाद मिश्रा, सहित दर्जन भर विद्वानों ने संबोधित किया। कलकत्ता से आई हुई प्रशिक्षिका वीथिका डे, स्मिता मित्रा ने महिलाओं को विभिन्न प्रकार के सामान बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया । प्रशिक्षण में प्रीति सिंह, संगीता मौर्य,अनीता मौर्य , गीता, सहित सभी चालीस महिलाएं उपस्थित रही।