-अयोध्या व्यापार मंडल ने रेजीडेंट मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन
अयोध्या। सहादतगंज से नयाघाट तक करीब 13 किमी लम्बे रामपथ के चौड़ीकरण में मुआवजा वितरण को लेकर प्रभावितों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। प्रभावित लोगों के साथ अयोध्या व्यापार मंडल ने रविवार को रेजीडेंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। साथ ही प्रशासन से सहमति के आधार पर कार्ययोजना को बढ़ाने के लिए लिखित वादा 48 घंटे में पूरा न किये जाने पर 22 नवम्बर को अयोध्या धाम में बाजार बंदी करने का अल्टीमेटम दिया है। व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्त नंदू ने बताया अयोध्या के समस्त व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक शनिवार देर शाम को श्रृंगारहाट में हुई। बैठक में भक्तिपथ एवं रामपथ कार्ययोजना में प्रशासन द्वारा किये गये वादे से मुकरने पर चर्चा की गई।
निर्णय लिया गया की प्रशासन अपने किये वादा सहमति के आधार कार्ययोजना को बढ़ाने और किये गये वादों को लिखित रूप से यदि 48 घंटे में नहीं देगा तो मंगलवार को एक दिवसीय अयोध्याधाम की बाजार बंदी करायी जायेगी। यदि प्रशासन फिर भी नहीं माना तो आने वालो दिनो में अनिश्चितकालीन बाजारबंदी के साथ आने वाले नगर निकाय चुनाव का बहिष्कार भी किया जाएगा। प्रेम सागर मिश्र, राधेश्याम गुप्त, सुफल चन्द्र मौर्या, विनोद आदि व्यापारी शामिल रहे।
सड़क चौड़ीकरण में दिया जाए समुचित मुआवजा : अशोक श्रीवास्तव
– समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर ने अयोध्या और फैजाबाद में सड़क चौड़ीकरण के लिए अयोध्या और फैजाबाद के निवासियों और व्यापारियों को बगैर समुचित मुआवजा एवं विस्थापन के बलपूर्वक उनके मकानों एवं दुकानों को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त किए जाने के अभियान को दुर्भाग्यपूर्ण एवं अमानवीय बताया है पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि योगी सरकार की तानाशाही और नौकरशाही की निरंकुशता के शिकार अयोध्या और फैजाबाद के गरीब एवं मध्यम श्रेणी के निवासी एवं व्यापारी हो रहे हैं जोकि सैकड़ों वर्षों से सड़कों के किनारे अपने मकानों और दुकानों रहकर अपनी रोजी-रोटी कमाते चले आए हैं और राम मंदिर आंदोलन से लेकर भाजपा को चुनाव में जिताने के लिए हर संभव सहयोग एवं समर्थन करते रहे हैं
उन्हें भी योगी की भाजपा सरकार द्वारा सड़क चौड़ीकरण के संबंध में चुनाव के समय किए गए वायदे से पीछे हटते हुए उनके साथ विश्वासघात कर रही है और उन्हें बिना समुचित मुआवजा और विस्थापन के बलपूर्वक उजाड़ा जा रहा है जिससे कि वह बेघर बार और बेरोजगार हो रहे हैं और सैकड़ों वर्षो से अपने पूर्वजों की संपत्ति से निर्ममता पूर्वक बेदखल किए जा रहे हैं उन्होंने न्यायपालिका से ही मांग किया है कि बलपूर्वक अमानवीय तरीके से हटाए जा रहे अयोध्या और फैजाबाद के निवासियों के प्रकरण को स्वत संज्ञान में लेकर न्यायिक जांच करा कर निरंकुश दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करें एवं पीड़ित लोगों को विस्थापित एवं उचित मुआवजा दिलाएं।