अयोध्या। बिल्हार घाट रेलवे स्टेशन पर कोयले की रैक लगए जाने से नाराज कई गांवो के लोगों ने एकत्रित होकर मंगलवार को एक बार फिर प्रदर्शन किया और कहाकि कोयला उतारे जाने से भयंकर धूल उड़ रही है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तीन दिन से घरों में भोजन तक नहीं बन पा रहा है।
कोयले की इतनी धूल उड़ रही है कि छतो व बिस्तरो पर मोटी धूल की परत जम गई है।लोगो का कहना कि 15 मार्च को दूसरी रैक आने पर चेतावनी दी गई थी कि यदि जल्द ही रैक लगाना बंद नहीं किया गया तो इससे बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उसके बाद भी ठेकेदार की मनमानी व स्थानीय जिम्मेदार लोगों की मिली भगत के कारण सोमवार से फिर रैक लगाकर कोयला उतारा जा रहा है। स्थानीय गांव चरेरा, नारा, कांदीपुर, बिल्हारघाट आदि गांव के किसानों ने कहा कोयला उतारने से भयंकर धूल उड रही है और इससे घरों में रहना भी मुश्किल होता जा रहा है। खेतों में भी धूल से परेशानी होती है।
इन सभी गांव के ग्रामीणों ने एकत्रित होकर लोडिंग हो रहे कोयले को रोक दिया और वहीं पर धरने पर बैठ गए,जिसकी सूचना स्टेशन मास्टर आर एस यादव ने आरपीएफ को दिया।अयोध्या आरपीएफ के दिवान योगेंद्र कुमार मौके पर पहुंचकर उग्र ग्रामीणों से वार्ता कर विवाद को निपटाने की कोशिश किया लेकिन ग्रामीण इस बात पर पड़े हैं कि जब तक रेलवे विभाग यह लिखकर नहीं दे देता कि आज से यहां कोयले की रैक नहीं आएगी तब तक हम लोग लोडिंग नहीं होने देंगे, चाहे हम लोगों को आत्मदाह ही क्यो ना करना पड़े,क्योंकि इससे पहले 15 मार्च को यही वादा किया गया था कि आज के बाद कोयले की रैक नहीं आएगी,इस रैक को उतरने दो।
इस पर ग्रामीण मान गए थे लेकिन सोमवार से फिर कोयले को यहां उतारा जा रहा है, जिसको लेकर चरेरा ग्राम सभा के प्रधान प्रदीप कुमार, रामराज सिंह ,रवींद्र वर्मा ,मुकेश ,गुड्डू, मीना देवी, शिव कुमारी ,कलावती, राम अवतार, पुनवासी , रामवती सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे।समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण कोयला साइडिंग पर डटे हुए हैं और कोयला साइडिंग बंद करने का लिखित आदेश चाहते हैं।