अस्पताल के नाम पर लाखों रुपए का होता है वारा न्यारा
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज में अध्ययनरत दो छात्रों की ताबड़तोड़ हुई मौतों के बाद विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई है विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राएं साथियों की मौत के बाद तरह से डर एवं सहम गए हैं। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों में बुखार की गंभीर समस्या से बीमार चल रहे छात्रों से पूरी तरह से बेखबर है।
विश्वविद्यालय के छात्रों की हालत गंभीर होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उन छात्रों का इलाज ना कराते हुए सीधे बीमार छात्र को उसके घर भेजने का काम किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण मात्र एक छात्र के डेंगू बीमारी के चलते मौत की बात स्वीकारते हुए दूसरे छात्र की मौत को बहुत पहले कोरोना बीमारी के चलते मौत होने का दावा कर रहे हैं। बताते चलें कि कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज के अनोमा छात्रावास में रहने वाले बीएससी हॉर्टिकल्चर द्वितीय वर्ष के छात्र संदीप कुमार यादव की तबीयत बीते सप्ताह अचानक खराब हो गई थी। जिससे विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण की ओर से सीधे उसके घर भेज दिया गया था। जहां डेंगू बीमारी के इलाज के दौरान छात्र संदीप की मौत हो गई थी।
इसके अलावा विश्वविद्यालय के यमुना हॉस्टल में रहकर शिक्षार्जन वाले एमएससी एग्रीकल्चर प्लांट पैथोलॉजी द्वितीय वर्ष के छात्र राहुल पटेल के साथ भी यही हश्र हुआ। तेज बुखार के चलते तबीयत बिगड़ने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्र राहुल पटेल को भी सीधे उसके घर भेज दिया गया। परिजनों द्वारा इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी भी मौत हो गई। विश्वविद्यालय के दो छात्रों की ताबड़तोड़ अब विश्वविद्यालय के छात्र पूरी तरह से सहमे हुए हैं। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय का अपना चिकित्सालय भी है जहां डॉक्टरों के साथ आधा दर्जन से अधिक कर्मियों की तैनाती के बावजूद भी अस्पताल पूरी तरह से संसाधन दिन है अस्पताल के नाम पर लाखों रुपए का वारा न्यारा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रतिमाह किया जा रहा है। अस्पताल का आलम यह है कि जब से अस्पताल पर ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा गया है तब से आज तक उस ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन भराई ही नहीं जा सकी है।
ज्ञातव्य हो कि अब तक विश्वविद्यालय के छात्रों के बीमार होने पर संबंधित अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा विश्वविद्यालय के एंबुलेंस सहित अपने निजी वाहन से तत्कालीन अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा बीमार छात्रों को अस्पताल पहुंचाया जाता था और समुचित इलाज का प्रबंध भी कराया जाता रहा है। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ डी नियोगी से जब संवाददाता ने छात्रों की मौत के बारे में सवाल किया तब उन्होंने कहा कि मात्र 1 छात्र संदीप की मौत हुई है और राहुल पटेल कोरोना काल मे ही प्राण गंवा चुका है।