अयोध्या। सभी विधा के चिकित्सकों की समाज के सबसे जरूरतमंद व्यक्ति को भी सेवा सुलभ करवाई जा सके इस उद्देश्य के साथ चिकित्सकों की एक महत्वपूर्ण बैठक स्थानीय साकेत निलयम सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता आरोग्य भारती के क्षेत्रीय संयोजक एवं पूर्वी उत्तरप्रदेश के प्रचारक गोविंद व संयोजन अवध प्रान्त कार्यसमिति सदस्य डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने किया।
बैठक में गोविंद जी ने व्यक्ति को भारतीय संस्कृति के अनुरूप स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के प्रति जागरूक करने में सभी विधा के चिकित्सकों से सहयोग की अपेक्षा की और आरोग्य भारती के उद्देश्यों व कार्यपद्धति से परिचित कराते हुए बताया कि आयुष पद्धतियों के समुचित विकास के लिए आयुष मंत्रालय ने आरोग्य भारती के कई महत्वपूर्ण सुझावों को लागू किया है। डा. उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने सुझाव रखा कि पंजिकृत आयुष चिकित्सकों की सेवाएं अनिवार्य करते हुए यदि सरकार निश्चित आबादी पर निजी चिकित्सक से उसकी क्लिनिक में ही ओपीडी समय मे जनता को मानदेय आधारित सरकारी पर्चे पर सेवा सुलभ कराने का अनुबन्ध कर ले तो डिग्री प्राप्त करने के बाद सभी युवा चिकित्सकों को नौकरी मांगने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा सरकार को भी अधिक संसाधन पर बजट नही खर्च करना पड़ेगा और जनता को आसानी से चिकित्सक उपलब्ध हो सकेंगे।साथ ही आरोग्य भारती के माध्यम से प्रत्येक गांव से एक व्यक्ति को अरोग्यमित्र के रूप में प्रशिक्षित कर समाज को बीमारी से पहले स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करने में सहयोग किया जा सकता है। डा त्रिपाठी के सुझाव को चिकित्सकों ने सरल और व्यवहारिक बताते हुए समर्थन किया, गोविंद जी ने इसे जनहित में उपयोगी सुझाव मानते हुए शासन को आरोग्य भारती के माध्यम से अवगत कराने का भरोसा दिलाया। बैठक में आठ मार्च को कानपुर में होने वाली क्षेत्रीय बैठक में जनपद की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य किया गया, साथ ही जनपद के चिकित्सा महाविद्यालयों में टीम गठन पर भी चर्चा हुई। बैठक में झुनझुनवाला मेडिकल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डा अखिल मिश्र, विभागाध्यक्ष डा कुलदीप, डा अविनाश शुक्ल,संजीवनी होम्योपैथी फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डा योगेश उपाध्याय, आयुष चिकित्साधिकारी डा शैलेश सिंह, होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ सचिव डा दीपक सिंह,आयुर्वेद अधिकारी डॉ एच पी त्रिपाठी, डा सुधीर कुमार पांडेय, बी फार्मा के राहुल मिश्र,डा आशुतोष रॉय आदि उपस्थित रहे।
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