जानलेवा बनी गड्ढायुक्त सडक
मवई । थाना क्षेत्र के उमापुर दुल्लापुर मार्ग से हंसराजपुर गांव तक सड़क किनारे केबल डालने के लिए एक साल पहले खोदा गया गड्ढा आखिर कई दुर्घटनाओं के बाद गुरुवार को जानलेवा साबित हो गया।गड्ढे में गिरने के बाद एक ट्राली के नीचे आने से बाइक सवार बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई वहीं बाइक का चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।घटना मवई थाना क्षेत्र के देवइत गांव के निकट गुरुवार की दोपहर हुई। घटना के बाद से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया।
जानकारी के मुताबिक असंद्रा थाना अंतर्गत खाले का पुरवा गांव निवासी मनीराम यादव पुत्र रामेश्वर उम्र करीब 65 साल अपने पुत्र राजेंद्र के साथ मोटरसाइकिल से देवइत गांव अपने बीमार भाई को देखने के लिए गए हुए थे वापस लौटते समय गांव के पास सड़क किनारे खोदी गई केबल डालने के लिए गड्ढे में अनियंत्रित होकर बाइक समेत गिर गए इसी बीच अमेठी जिले का एक ट्रैक्टर ट्राली आ गया जिसके पहिए के नीचे आने से मनीराम गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें राहगीर आनन-फानन में एक निजी अस्पताल ले गए जहां उनकी दर्दनाक मौत हो गई।वही पुत्र राजेंद्र भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका इलाज सीएचसी रुदौली में चल रहा है।मवई थानाध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया की सूचना पर उपनिरीक्षक के पी यादव को भेजा गया है।लेकिन तब तक परिजन उसे एक निजी अस्पताल लेकर चले गए थे जहां उनकी मौत हो गई है।शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।वही ट्रैक्टर ट्राली को कब्जे में ले लिया गया है लेकिन चालक मौके से फरार हो गया।वही दूसरी तरफ सड़क किनारे केबल डालने के लिए खोदे गए गड्ढे से दुर्घटना की खबर के बाद आसपास के गांव के ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया जिसके बाद लोगों ने सड़क जाम करने की योजना बनाई थी। लेकिन पुलिस के मुखबिर की सटीक सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया बुझाया और मामला शांत कराया।रामपुर जनक के ग्राम प्रधान व भाजपा नेता राजेश कुमार देवइत के पूर्व प्रधान दान बहादुर,माता प्रसाद,जगदंबा, राजीव सिंह विजय बहादुर ने बताया कि कई बार प्रशासन से केबिल के गड्ढो को पाटने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई और अब यह जानलेवा हो चला है।जिसके लिए अब ग्रामीणों को धरना प्रदर्शन करना ही पड़ेगा।