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शोध समस्या के निराकरण हेतु शोधार्थियों को प्रविधियों का ज्ञान होना आवश्यक

-अवध विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शोधपरक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग के संयुक्त तत्वावधान मे दो दिवसीय शोध परक विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के मुख्य अतिथि प्रो0 राजेन्द्र पी0 ममगाई, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग, दून विश्वविद्यालय, देहरादून ने शोधार्थियों को गुणात्मक शोध के लिए प्रोत्साहित किया। कहा कि शोध समस्या के निराकरण के लिए शोध के उद्देश्य, पैरामीटर की उपयोगिता तथा प्रतिचयन तकनीक के विभिन्न आयामो से परिचित होना होगा।

प्रो0 राजेन्द्र पी0 ने छात्रों को शोध में सर्वेक्षण आधारित प्रश्नावली निर्माण के तरीकें, संग्रहण एवं उसके विश्लेषण के आधार पर समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव को विश्लेषित किया। उन्होने छात्रों को परिकल्पना आधारित शोध तकनीक की विभिन्न तकनीक से रूबरू कराया। प्रो0 ममगाई ने बताया कि आज गुणवत्ता आधारित शोध कार्य की जरूरत है। वर्तमान में वास्तविक स्वरूप एवं शोध कार्य में मौलिकता का अभाव है। यदि किसी समस्या आधारित मौलिक शोध की उच्च स्थिति को प्राप्त करना है, तो विभिन्न प्रकार की शोध प्रविधियों के माध्यम से प्राथमिक डेटा के आधार पर तथ्यपरक बनाना होगा।

विशिष्ट व्याख्यान की अध्यक्षता अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास के प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने बताया कि आज प्रतिचयन के लिए उपलब्ध तकनीक सांख्यिकीय पैरामीटर से संबन्धित होती है। शोधार्थियों को यह ध्यान रखना होगा कि शोध समस्या के समुचित निराकरण के लिए शोध साहित्य को व्यापक पुनरावलोकन एवं शोध प्रविधि के विभिन्न उपकरणों के माध्यम से परिणाम तक अवश्य ले जाना होगा। प्रो0 सिन्हा ने बताया कि आज शोध के मौलिक स्वरूप की नितान्त आवश्यकता है। यदि हमे आर्थिक क्षेत्र में गरीबी, बेरोजगार एवं आय की विषयता को दूर करना है तो हमें तथ्यपरक आधारित मौलिक शोध को बढ़ावा देना होगा।

अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस दो दिवसीय शोध परक व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य शोध कार्य कर रहे छात्र-छात्रओं को शोध की विभिन्न तकनीक से परिचित कराते हुए तथ्यपरक आधारित शोध को बढावा दिया जा सके, क्योकि आज शोध के क्षेत्र में यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है कि शोध छात्र शार्ट कट तरीके से अपने शोध को पूर्ण करना चाहता है, जिससे लक्ष्यपरक आधारित वास्तविक शोध प्राप्त करने में कठिनाई होती है और विन्दु केन्द्रित शोध को बढ़ावा नही मिल पा रहा है। यदि हमें समस्या आधारित शोधलक्ष्य को प्राप्त करना है, तो सभी शोध विधाओं को चरणबद्ध तरीके से विश्लेषित करना होता है।

कार्यक्रम का संचालन संयोजिका डॉ0 सरिता द्विवेदी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्र विभाग डॉ0 प्रिया कुमारी ने किया। इस अवसर पर प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 प्रिया कुमारी, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, श्री आशीष प्रजापति, श्रीमती कविता पाठक के साथ बड़ी संख्या में शोध छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

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