तरही नशिस्त का हुआ आयोजन
रूदौली। अंजुमन शाने रसूल के तत्वावधान में एक तरही नशिस्त का आयोजन शहर के मोहल्ला नवाब बाज़ार में किया गया।जिसकी सदारत शमीम हैदर साहब ने व् निज़ामत के फरायज़ शकील रुदौलवी ने अंजाम दिये।महमाने खुसूसी रंगून से तशरीफ लाये शायर सलाहउद्दीन’शम्स’ रहे। नाते नबी से महफिल का आगाज़ हुआ।महमाने खुसूसी ने अपने कलाम में कहा। नज़रों से हमें अपनी बना देते हो ओझल – हाथों की लकीरों से मिटा क्यों नहीं देते शकील रुदौलवी ने सियासी शेर पढ़ा।
हम एक थे हम एक हैं हम एक रहेंगे -अरबाबे सियासत को बता क्यों नहीं देते शाहिद सिद्दीकी ने तंज़िया अंदाज़ में कहा। जब अम्न का प्रचार शबोरोज़ है जारी फिर दिल से क़ुदूरत को मिटा क्यों नहीं देते काविश रुदौलवी ने पढ़ा है रबर पे भरोसा ये बता क्यों नहीं देते – तूफान के हाथों में दिया क्यों नहीं देते शहीब अंसारी ने अपने शेर के ज़रिऐ पैगाम दिया लाहौला वला क़ूवता पढ़ पढ़ के शबोरोज़ – शैतां जो मुसल्लत है भगा क्यों नहीं देते ताबिश रुदौलवी ने अपने शेर में कहा दहशत का मेरा दूर पका रिश्ता भी नहीं है -ये बात ज़माने को बता क्यों नहीं देते डॉ क़मरुद्दीन क़मर ने ज़ाते हक़ पर भरोसा करते हुए कहा इमदाद को आयेंगे अबाबीलों के लश्कर -फिर नारये तकबीर लगा क्यों नहीं देते ज़ीशान हैदर ताज ने हाकिमे वक्त पर तंज़ करते हुए कहा माना की खबरगीर हो मज़लूम के लेकिन – तुम ज़ुल्म के बानी को सज़ा क्यों नहीं देते
डॉ0 शाकिर खां ने आजादी की याद ताज़ा की ये बाग मेरे खून से शादाब हुआ है – इस पर जो मेरा हक़ है भला क्यों नहीं देते निसार रुदौलवी ने आखिरत की याद दिलाई मालूम नहीं मौत कब आ जाये कहाँ पर -सर अपने नमाज़ो में झुकाव क्यों नहीं देते
सलीम हमदम ने बेहतरीन शेर पढ़ा चुक जायेंगे सारे अमले नेक तुम्हारे -नफरत के परिंदों को उड़ा क्यों नहीं देते। अरशद शाद ने अपने शेर में कहा हर बात को तफसील से करते हो बयां तुम – कूज़े में समंदर को समा क्यों नहीं देते असद उस्मानी ने खूबसूरत शेर पेश किए
महताब पे जाने का बड़ा नाज़ है जिनको -मेराजे बनी उनको सुना क्यों नहीं देते नशिस्त में बिलखुसूस मो0 अहमद एडवोकेट,नसीम प्रिंस,जमाल कुरैशी,हनीफ अंसारी,हाफिज़ मुईन,निज़ाम अहमद,हाजी मशकूर समेत बड़ी तायदात में सामईन हज़रात ने शिरकत की।आखिर में अंजुमन के सदर असद उस्मानी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।